धान की मेढ़ पर लगा दें ये पौधा, तौबा-तौबा करके भागेंगे जंगली जानवर, भूल जाएंगे खेत का पता!

धान की मेढ़ पर लगा दें ये पौधा, तौबा-तौबा करके भागेंगे जंगली जानवर, भूल जाएंगे खेत का पता!


बालाघाट. किसान अपनी फसल को अपने बच्चों की तरह पालते हैं. बीज बोने से लेकर कटाई तक वे दिन-रात मेहनत करते हैं. लेकिन इन दिनों किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती वन्य प्राणियों से फसल की सुरक्षा करना है. खासकर बालाघाट जिले में, जहां का 53% हिस्सा जंगलों से घिरा है, वहां धान और गन्ने की फसल को चीतल, हिरण और जंगली सुअर जैसे जानवरों से भारी खतरा बना रहता है.

धान और गन्ने की फसल को सबसे ज्यादा खतरा
यहां धान की फसल पर हिरण और चीतल हमला करते हैं, जबकि गन्ने की फसल को जंगली सुअर नष्ट कर देते हैं. हाल ही में बालाघाट के पठार अंचल से गन्ना किसानों की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं.

फसल बचाने के लिए किसान क्या करें?
विशेषज्ञों का मानना है कि किसान अगर खेतों के मेढ़ों पर कंटीली झाड़ियां और पेड़ लगाएं, तो फसल को काफी हद तक सुरक्षित किया जा सकता है.

नींबू का पौधा: इसमें कांटे होते हैं, जिससे जंगली जानवर खेत में नहीं घुस पाएंगे. साथ ही नींबू की बिक्री से किसान अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं.

करौंदा: यह बेहद झाड़ीनुमा और कांटेदार पौधा है. इसे लगाने से न केवल हिरण और सुअर बल्कि सांप जैसे जीव भी खेत में प्रवेश नहीं कर पाते.

बबूल का पेड़: यह भी कांटेदार होता है. खेत की मेढ़ पर बबूल लगाने से फसल सुरक्षित रहेगी.

बांस: खेत की सीमा पर बांस लगाने से प्राकृतिक घेरा तैयार होता है. बांस बड़ा होने पर किसानों को लकड़ी बेचकर आय भी हो सकती है.

किसानों को होगा डबल फायदा
इन पौधों से जहां एक ओर फसल को सुरक्षित किया जा सकता है, वहीं नींबू, करौंदा और बांस जैसे पौधे किसानों की अतिरिक्त आमदनी का भी जरिया बन सकते हैं.



Source link