PM Internship Scheme: किस राज्‍य के युवाओं ने जमकर लपके इंटर्नशिप के ऑफर, कहां के नौजवानों ने ठुकराया?

PM Internship Scheme: किस राज्‍य के युवाओं ने जमकर लपके इंटर्नशिप के ऑफर, कहां के नौजवानों ने ठुकराया?


PM Internship Scheme: केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में बताया कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) के तहत कई युवा कंपनियों से मिले ऑफर को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. सरकार की ओर से इंटर्नशिप की लोकेशन, अवधि और कुछ युवाओं का अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के फैस्‍ले को इसका मुख्‍य कारण बताया जा रहा है. ये योजना युवाओं को बड़े कॉरपोरेट्स में अनुभव देने के लिए शुरू की गई है, लेकिन कुछ दिक्कतों की वजह से इसका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा.

PM Internship Scheme: इस योजना का मकसद क्या है?

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) को 2024-25 के बजट में लॉन्च किया गया था.इसका लक्ष्य अगले पांच साल में देश की टॉप 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका देना है. यानी अगर आप युवा हैं और अपने करियर की शुरुआत करना चाहते हैं तो ये योजना आपको बड़े कॉरपोरेट्स में काम का अनुभव दे सकती है.ये स्कीम कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत चल रही है और इसका मकसद है कि युवाओं को नौकरी से पहले प्रैक्टिकल स्किल्स सिखने का मौका मिले.इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि जॉब मार्केट में उनकी वैल्यू भी बढ़ेगी.

अब तक क्या-क्या हुआ?

इस योजना को टेस्ट करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया, जिसमें दो राउंड हुए.
पहला राउंड अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ जिसमें 280 कंपनियों ने हिस्सा लिया और 1.27 लाख से ज्यादा इंटर्नशिप के मौके दिए.1.81 लाख उम्मीदवारों ने 6.21 लाख आवेदन किए.कंपनियों ने 82,000 से ज्यादा ऑफर दिए.इसमें लगभग 28,000 उम्मीदवारों ने ऑफर स्वीकार कर लिया लेकिन जब इंटर्नशिप शुरू करने की बारी आई तो महज 8,700 से ज्यादा युवाओं ने ही इंटर्नशिप शुरू की.

दूसरे राउंड में 327 कंपनियां

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (PMIS)का दूसरा राउंड जनवरी 2025 में हुआ.इस राउंड में कुल 327 कंपनियां शामिल हुईं.1.18 लाख से ज्यादा इंटर्नशिप के मौके दिए गए.2.14 लाख उम्मीदवारों से 4.55 लाख आवेदन किए जिसके बाद कंपनियों ने 82,000 से ज्यादा ऑफर दिए.जिसमें से 24,000 से ज्यादा युवाओं ने ऑफर स्वीकार करके इंटर्नशिप शुरू की.इन आंकड़ों से साफ है कि योजना में युवाओं की रुचि तो है क्योंकि लाखों आवेदन आए लेकिन ऑफर स्वीकार करने वालों की संख्या काफी कम रही.

कौन सा राज्‍य रहा टॉप पर?

पहले पीएम इंटर्नशिप योजना के पायलट प्रोजेक्‍ट में उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश और आंध्र प्रदेश इंटर्नशिप ऑफर्स के मामले में सबसे आगे रहे. पहले राउंड में सबसे अधिक उत्‍तर प्रदेश के 8875 युवाओं ने ऑफर्स स्‍वीकार किए दूसरे नंबर पर मध्‍य प्रदेश रहा यहां के 4917 युवाओं ने इंटर्नशिप ऑफर्स स्‍वीकार किया वहीं राउंड 2 में सबसे आगे आंध्र प्रदेश रहा. आध्र प्रदेश के 9067 युवाओं ने पीएम इंटर्नशिप में दिलचस्‍पी दिखाई. इसी तरह मध्‍य प्रदेश के 7379 युवाओं ने ऑफर्स स्‍वीकार किया. तीसरे नंबर पर उत्‍तर प्रदेश रहा जहां के 5992 उम्‍मीदवारों ने पीएम इंटर्नशिप के तहत ऑफर पाए.

ऑफर ठुकराने की वजह क्या है?

केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय ने फीडबैक लेने के लिए कई तरीके अपनाए जैसे उम्मीदवारों से फीडबैक सर्वे, कॉल सेंटर के जरिए सीधे बातचीत, कंपनियों और दूसरे हितधारकों की राय जुटाई.इनके आधार पर पता चला कि युवा ऑफर स्वीकार न करने या इंटर्नशिप जॉइन न करने की ये मुख्य वजहें बता रहे हैं उसमें लोकेशन की समस्‍या से लेकर कई कारण हैं.

लोकेशन की समस्या: कई युवाओं को इंटर्नशिप की जगह उनके घर या शहर से बहुत दूर मिल रही है. उदाहरण के लिए अगर कोई दिल्ली में रहता है और उसे मुंबई में इंटर्नशिप का ऑफर मिले तो रहने-खाने और आने-जाने की दिक्कतें उसे ऑफर ठुकराने के लिए मजबूर कर सकती हैं.
इंटर्नशिप की अवधि: कुछ युवाओं को लगता है कि इंटर्नशिप की समयावधि उनके लिए ठीक नहीं है.हो सकता है कि कुछ को लंबी अवधि चाहिए तो कुछ को छोटी.
पढ़ाई को प्राथमिकता: कई युवा अपनी उच्च शिक्षा जैसे पोस्ट-ग्रेजुएशन या दूसरी पढ़ाई को पूरा करने में जुटे हैं.उनके लिए पढ़ाई अभी ज्यादा जरूरी है इसलिए वो इंटर्नशिप छोड़ रहे हैं.

सरकार क्या कर रही है?

मंत्रालय ने साफ किया है कि ये अभी सिर्फ पायलट प्रोजेक्ट है.इसका मतलब है कि ये एक टेस्टिंग फेज है जिसमें सरकार ये समझने की कोशिश कर रही है कि योजना को और बेहतर कैसे बनाया जाए.

फीडबैक का इस्तेमाल: पहले और दूसरे राउंड में मिले फीडबैक,हितधारकों की सलाह और परिणामों का विश्लेषण करके योजना को और मजबूत किया जाएगा.
रजिस्ट्रेशन की संख्या: पहले राउंड में 3.38 लाख और दूसरे राउंड में 3.46 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने अपना प्रोफाइल पूरा करके रजिस्ट्रेशन किया. इससे पता चलता है कि युवाओं में इस स्कीम को लेकर उत्साह है.
भविष्य की योजना: मंत्रालय का कहना है कि इन कमियों को दूर करके इस स्कीम को पूरे देश में बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा यानी भविष्य में लोकेशन और अवधि जैसी समस्याओं को ध्यान में रखकर बदलाव किए जा सकते हैं.

युवाओं के लिए क्या खास है?

ये योजना आपके लिए एक शानदार मौका है.अगर आप कॉलेज से निकलकर जॉब मार्केट में कदम रखना चाहते हैं तो टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप आपके रिज्यूमे को मजबूत कर सकती है.आप न सिर्फ प्रैक्टिकल स्किल्स सीखेंगे बल्कि बड़े कॉरपोरेट्स में काम करने का अनुभव भी मिलेगा.साथ ही कई बार इंटर्नशिप के बाद कंपनियां अच्छा परफॉर्म करने वालों को फुल-टाइम जॉब भी ऑफर करती हैं.



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