Teacher Video: सैलरी 65000…पर खुद का नाम नहीं लिख पाए मास्टर साहब! कलेक्टर का नाम भी नहीं पता

Teacher Video: सैलरी 65000…पर खुद का नाम नहीं लिख पाए मास्टर साहब! कलेक्टर का नाम भी नहीं पता


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Raisen Teacher Video: एमपी के रायसेन से सरकारी शिक्षक का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है. न्यूज 18 की पड़ताल में जो सच पता चला, इससे सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई.

सैलरी 65000...पर खुद का नाम नहीं लिख पाए मास्टर साहब! कलेक्टर को भी नहीं जानतेखुद का नाम नहीं लिख पाए मास्टर साहब!
रिपोर्ट: दिनेश यादव
Raisen News:
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली देखने को मिली. न्यूज 18 की विशेष पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. सिलवानी ब्लॉक स्थित प्राथमिक शाला आमापानी में शाला प्रभारी खुद अपना नाम नहीं लिख पाए. उनको जिले के कलेक्टर का नाम तक नहीं पता था. यह पूरी घटना न्यूज 18 के कैमरे में कैद हो गई, जो शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर करती है.

पड़ताल के दौरान पता चला कि 65 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले इस शिक्षक की योग्यता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. शाला प्रभारी, जो छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी संभालते हैं, खुद बुनियादी लेखन में असमर्थ दिखे. न्यूज 18 की टीम ने जब उनसे बोर्ड पर नाम लिखने को कहा, तो वे असहज हो गए और अपने नाम की सही स्पेलिंग नहीं लिख सके. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

बार-बार जूनियर को देखते थे…
वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे शिक्षक हर सवाल के जवाब के लिए अपने जूनियर की ओर देखते थे. जब उनसे कलेक्टर का नाम पूछा तो उन्होंने जूनियर की ओर देखा. जूनियर के बताने पर, उन्होंने भी हां में हां मिला दी. इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी का नाम भी नहीं बता पाए.

शिक्षा व्यवस्था में लग रहा पलीता
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. ‘शिक्षा उत्थान अभियान’ जैसे कार्यक्रमों के तहत करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं, नई भर्तियां और प्रशिक्षण पर जोर दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा. लेकिन, शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों द्वारा सरकार की मंशा को पलीता लगाया जा रहा है. लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. यह खुलासा न केवल रायसेन जिले बल्कि पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है.

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सैलरी 65000…पर खुद का नाम नहीं लिख पाए मास्टर साहब! कलेक्टर को भी नहीं जानते



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