नई दिल्ली. अगर आप गाड़ी खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो दिवाली तक इंतजार कर लीजिए. आपका बड़ा फायदा हो सकता है. सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग मंत्रालय खास प्लान लाने जा रहा है. इसके तहत स्क्रैपिंग पॉलिसी में संशोधन की तैयारी की जा रही है. इससे संबंधित ड्राफ्ट जारी कर दिया है और 30 दिन के अंदर स्टेकहोल्डरों और आम लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इस तरह संभावना है कि दिवाली तक पॉलिसी में संशोधन हो सकता है.
सड़क परिवहन मंत्रालय स्क्रैपिंग पॉलिसी में संशोधन करने जा रहा है. यह ड्राफ्ट सेंट्रल मोटर व्हीकल्स नियम, 1989 में संशोधन के लिए प्रस्तावित है. नए नियम वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के रजिस्ट्रेशन और ऑपरेशंस से संबंधित है. मंत्रालय के अनुसार यह संशोधन प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देने लिए किया जा रहा है. साथ ही के साथ शिप रिसाइक्लिंग (शिप ब्रेकिंग) को भी शामिल किया जाएगा.
संशोधन को इस तरह समझिए
यह कदम पर्यावरण के अनुकूल उठाया जा रहा है. इससे प्लास्टिक
साइक्लिंग को बढ़ावा मिलेगा
और स्क्रैपिंग क्षेत्र को आर्गनाइज करने में भी मदद मिलेगी. संशोधन होने के बाद प्लास्टिक का स्टेक होल्डर रीसाइक्लिंग करता है तो उसे स्क्रैप पॉलिसी के तहत इनसेंटिव मिलेगा. अगर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग करने वाले को
नए वाहनों की खरीद में फायदा मिल सकता है
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स्क्रैप के बाद नए वाहन पर छूट
मंत्रालय के अनुसार पुराने वाहनों का स्क्रैप कराने का सर्टिफिकेट लेने के बाद नए वाहन खरीदने में लोगों को सभी तरह की छूट मिलाकर करीब 10 फीसदी तक मिल सकती है. इस तरह पुराने वाहनों में होने वाला मेंटीनेंस खत्म हो जाएगा और प्रदूषण भी कम होगा. क्योंकि 15 से 20 साल पुराने वाहन बीएस 1,2,3 मानक के अनुसार हैं. प्लास्टिक रीसाइक्लिंग से यह छूट और बढ़ सकती है.
क्या है पुरानी स्क्रैपिंग पॉलिसी
स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत 10 साल पुराने डीजल-पेट्रोल और 15 साल पुराने सीएनजी वाहनों को स्क्रैप पॉलिस के तहत देकर छूट ली जा सकती है. हालांकि पुराने वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर रि-रजिस्टेशन कराकर चलाया जा सकता है.