सिविल जज कैसे बनें? लॉ करने के बाद सबसे पहले क्या करें? 24 साल के अनुभव वाले वकील ने बताईं बारीकियां

सिविल जज कैसे बनें? लॉ करने के बाद सबसे पहले क्या करें? 24 साल के अनुभव वाले वकील ने बताईं बारीकियां


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Civil Judge Kaise Banen: कोई वकील कब सिविल जज बन सकता है या पांच साल का लॉ करने के बाद सिविल जज बनने के लिए क्या करें? ऐसे सवालों का एक्सपर्ट ने सटीक जवाब दिया…

Career Tips: जज की कुर्सी तक पहुंचना हर वकील का सपना होता है, लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं होता. लॉ ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे अदालत में बैठने का मौका नहीं मिलता, बल्कि लंबी प्रैक्टिस, कठिन परीक्षाएं और निरंतर पढ़ाई ही एक वकील को जज की कुर्सी तक पहुंचाती हैं. यही कारण है कि वकील से जज बनने का सफर संघर्ष, धैर्य और समर्पण से भरा होता है. लोकल 18 ने इस विषय पर 24 वर्षों से वकालत कर रहे वरिष्ठ एडवोकेट अनिल पांडे से बातचीत की, जहां उन्होंने वकालत और न्यायिक सेवा परीक्षा के रास्तों पर विस्तृत जानकारी साझा की.

कैसे शुरू होता है सफर?
लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी भी छात्र को बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. रजिस्ट्रेशन मिलने के बाद कम से कम तीन साल की प्रैक्टिस अनिवार्य है. यही अनुभव बाद में राज्य न्यायिक सेवा परीक्षा (PCS-J) या उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा (HJS) में बैठने के लिए जरूरी होता है. एडवोकेट अनिल पांडे बताते हैं कि शुरुआती पांच से सात साल हर वकील के लिए बेहद कठिन होते हैं. इस दौरान मेंटर चुनना और मेहनत करना ही सफलता की कुंजी है.

अब दिक्कतें ज्यादा
आगे बताया, पहले के समय वकालत का सफर आज के अपेक्षाकृत आसान था. लॉ ग्रेजुएशन के बाद सीधे रजिस्ट्रेशन हो जाता था. कोई प्री एग्जाम नहीं देना पड़ता था. लेकिन, वर्तमान स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. अब 12वीं के बाद पांच साल का लॉ कोर्स करना होता है. रजिस्ट्रेशन मिलने से पहले भी प्री एंट्रेंस परीक्षा अनिवार्य हो गई है.

न्यायिक सेवा परीक्षा कितनी कठिन?
सिविल जज बनने का रास्ता आसान नहीं है. उम्मीदवार को पहले प्री परीक्षा, फिर मेंस और अंत में इंटरव्यू पास करना होता है. यह तैयारी रोजाना 10 से 12 घंटे की पढ़ाई मांगती है. इसमें कानूनी ज्ञान, सामान्य अध्ययन और समसामयिक विषयों की गहरी समझ आवश्यक है. वकील साहब कहते हैं कि इस सफर में धैर्य सबसे बड़ी ताकत होती है.

सिविल जज बनने के बाद सुविधाएं, वेतन
एक बार जब वकील सिविल जज बन जाता है तो उसे केवल इज्जत और अधिकार ही नहीं, बल्कि तमाम सुविधाएं भी मिलती हैं. जैसे सरकारी बंगला, यात्रा भत्ता, घरेलू खर्चों का प्रावधान और अन्य भत्तों के साथ सिविल जज को प्रति माह डेढ़ से दो लाख तक वेतन मिलता है. यही कारण है कि इस पद को न्याय के साथ-साथ समाज में सम्मानजनक माना जाता है.

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