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Health tips: सफेद मूसली को लोग सिर्फ शारीरिक शक्ति बढ़ाने नहीं, बल्कि कई बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है. ठंडे मौसम में दूध के साथ इसका सेवन काफी लाभदायक होता है. आइए जानते है इसके फायदे.

सफेद मूसली को आयुर्वेद में जड़ी बूटियों का खजाना कहा जाता है. इसका उपयोग सदियों से शरीर को ताकत देने और बीमारियों से बचाने के लिए किया जा रहा है. यह एक प्राकृतिक औषधि है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को मजबूत बनाती है. मूसली का सेवन करने वाले लोग लंबे समय तक थकान महसूस नहीं करते और उनकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है.

सफेद मूसली में सैपोनिन, एल्कालॉइड, ग्लाइकोसाइड, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल्स पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर को संपूर्ण पोषण देते हैं. खासतौर पर इसमें मौजूद सैपोनिन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जबकि कार्बोहाइड्रेट तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं. यही कारण है कि इसे नेचुरल एनर्जी बूस्टर भी कहा जाता है.

डॉक्टरों का कहना है कि सफेद मूसली शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाती है. इससे छोटे-मोटे संक्रमण, बार-बार होने वाले बुखार और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है. जिन लोगों का शरीर जल्दी बीमार पड़ता है, उनके लिए इसका नियमित सेवन बेहद फायदेमंद है.

डायबिटीज आज हर घर की समस्या बन गई है. रिसर्च में पाया गया है कि सफेद मूसली ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है. यह शरीर को कमजोरी से बचाती है और डायबिटीज से जुड़ी थकान को भी कम करती है. यही कारण है कि डॉक्टर इसे मधुमेह रोगियों के लिए नेचुरल मेडिसिन मानते हैं.

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष मौर्य बताते है कि, गठिया, जोड़ों का दर्द और हड्डियों की कमजोरी में भी मूसली बेहद असरदार है. इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और सूजन को कम करते हैं. जो लोग बढ़ती उम्र में घुटनों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह जड़ी-बूटी किसी वरदान से कम नहीं है.

सफेद मूसली पाचन तंत्र को मजबूत करती है. यह भूख न लगना, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करती है. इतना ही नहीं, यह तनाव को कम करने और मानसिक शांति देने में भी उपयोगी है. जिन लोगों को नींद की समस्या है या अधिक तनाव रहता है, उनके लिए मूसली का सेवन राहत भरा होता है.

सुबह एक गिलास दूध में एक चम्मच मूसली पाउडर मिलाकर पीना चाहिए. इससे शरीर को तुरंत ताकत मिलती है. जिन लोगों को दूध पसंद नहीं है, वे इसे शहद के साथ भी ले सकते हैं. इसके अलावा यह मूसली पाक और कैप्सूल के रूप में भी बाजार में उपलब्ध है.

यह जड़ी-बूटी केवल युवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि बुजुर्गों और महिलाओं के लिए भी उतनी ही फायदेमंद है. महिलाओं के लिए यह कमजोरी दूर करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने का काम करती है. बुजुर्गों के लिए यह हड्डियों की मजबूती और ऊर्जा का स्रोत है. बच्चों को भी डॉक्टर की सलाह से नियंत्रित मात्रा में दिया जा सकता है.