₹25,000,000,000 की कोठी, चल गया बुलडोजर, अब आई ‘मछली’ पानी से बाहर! कौन है गैंग का ‘मास्टरमाइंड’?

₹25,000,000,000 की कोठी, चल गया बुलडोजर, अब आई ‘मछली’ पानी से बाहर! कौन है गैंग का ‘मास्टरमाइंड’?


भोपाल: भोपाल के कुख्यात मछली गैंग के परिवार की तीन मंजिला कोठी तोड़ने की कार्रवाई जारी है. ड्रग तस्करी और रेप केस के आरोपी यासीन और शाहवर मछली के परिवार की तीन मंजिला कोठी तोड़ने की कार्रवाई जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये मछली गैंग का असली सरदार कौन है या यह मछली गैंग है क्या? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं.

मछली गैंग की क्राइम कुंडली
मछली गैंग में  सोहेल, शहरयार, शफीक, शाहिद और शावेज शामिल हैं. ये गैंग सभी मिलकर चलाते हैं, इनपर यौन शोषण, अपहरण, मादक पदार्थों की तस्करी और ब्लैकमेलिंग के संगीन आरोप हैं.

ड्रग्स केस में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को क्राइम ब्रांच ने गैमन मॉल के पास से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया था. तलाशी में उनके पास से तीन ग्राम एमडी ड्रग, एक देशी पिस्टल बरामद हुई थी.

आरोपी राजस्थान से भी ड्रग लाते थे. सड़क के रास्ते नशे का सामान लाया जाता था. इसके बाद भोपाल के अलग-अलग पब और लाउंज में पुराने और भरोसेमंद फिक्स कस्टमरों तक ड्रग्स पहुंचाई जाती थी.

यासीन के मोबाइल में ऐसे वीडियो भी मिले हैं, जिनमें वह युवकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटता दिख रहा है. मोबाइल में युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो भी पाए गए. पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान दोनों ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे.

100 करोड़ की अवैध संपत्ति
यासीन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मछली परिवार की करीब ₹100 करोड़ की अवैध संपत्तियों की पहचान की है. इन संपत्तियों में फार्म हाउस, वेयरहाउस, मैरिज हॉल और मदरसे शामिल हैं, जिनका निर्माण शासकीय ज़मीन पर बिना अनुमति किया गया था. प्रशासन ने हाल ही में कई ढांचों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है.

वहीं आज नगर निगम और पुलिस का दस्ता 6 जेसीबी और पोकलेन मशीनों से 15 हजार स्क्वायर फीट सरकारी जमीन पर बनाई गई यासीन की अवैध इमारत को ढहाने पहुंचा.

ऐसी थी मछली की कोठी…
कोठी 1990 में बनाई थी.
15 हजार स्क्वायर फीट में निर्माण.
तीन मंजिला तक 30 से ज्यादा कमरे.
20 से 25 करोड़ रुपए कीमत का आकलन.
गैरेज, पार्क, झूला घर पर बना रखा था.
पूरा निर्माण सरकारी जमीन पर किया.

मास्टरमाइंड की तलाश जारी
इतना ही नहीं, इस पूरे मामले में राजनीतिक कनेक्शन भी सामने आया है. परिवार के एक सदस्य शफीक अहमद बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े थे, लेकिन विवाद सामने आने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क के “मास्टरमाइंड” की तलाश कर रही है, जिसे यासीन से ऊपर माना जा रहा है.



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