अदालत ने निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का माना दोषी।
नागौद नगर परिषद के वार्ड नंबर-13 में न्यायालय ने प्रथम अपर सत्र अदालत ने मो. सोहराब का पार्षद पद शून्य घोषित कर दिया है। साथ ही निकटतम प्रतिद्वंद्वी मो. नफीस को नया पार्षद घोषित किया है।
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मामला 13 जुलाई 2022 के नगर परिषद चुनाव का है। इस चुनाव में कुल 7 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। चुनाव परिणाम 26 जुलाई 2022 को मध्य प्रदेश राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।
आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई अदालत ने पाया कि मो. सोहराब ने अपने नामांकन पत्र में आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई। उन्होंने शपथ पत्र में भी पूरी जानकारी नहीं दी। इस तरह उन्होंने निर्वाचन आयोग और शासन को गुमराह किया। इससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित हुई। न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा की अदालत ने इस निर्णय की प्रति जिलाधीश, जिला निर्वाचन अधिकारी और नगर परिषद नागौद को भेजने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने पैरवी की।
प्रमाणित हुए आरोप- अदालत ने दोनों निर्वाचन याचिकाओं और उनके जवाबों की समीक्षा करते हुए तीन प्रमुख प्रश्न निर्धारित किए: क्या मो. सोहराब ने नामांकन और शपथ पत्र में गलत जानकारी दी? क्या उन्होंने चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट आचरण किया? और क्या इन परिस्थितियों में चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए? मामले में प्रस्तुत लिखित और मौखिक साक्ष्यों के मूल्यांकन के बाद, अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि मो. सोहराब के खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं। नतीजतन, अदालत ने नगर पालिका अधिनियम के अनुसार, वार्ड क्रमांक-13 से मो. सोहराब के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया और 293 मतों के साथ उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मो. नफीस को उसी वार्ड से पार्षद घोषित किया।