बुंदेलखंड में भी आएगा रफ्तार का बादशाह! देश का पहला ऐसा रिजर्व…जहां बाघ, तेंदुए, चीते तीनों पाए जाएंगे

बुंदेलखंड में भी आएगा रफ्तार का बादशाह! देश का पहला ऐसा रिजर्व…जहां बाघ, तेंदुए, चीते तीनों पाए जाएंगे


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Bundelkhand Cheetah News: बुंदेलखंड में भी चीते आने वाले हैं. इसके बाद वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व ऐसा जंगल होगा, जहां बाघ, तेंदुआ और चीता तीनों पाए जाएंगे…

Sagar News: बुंदेलखंड में बाघों की दहाड़ गूंजने के बाद अब जल्द ही चीतों की रफ्तार भी देखने को मिलेगी. सागर के वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व में चीता प्रोजेक्ट पर बहुत तेजी से काम किया जा रहा है. हैदराबाद के वैज्ञानिकों के द्वारा प्रबंधन को 6 बिंदुओं पर काम करने के लिए डेढ़ साल का समय दिया गया है, जिसमें चीता शिफ्टिंग के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चीजों में से एक बाड़े की आवश्यकता होगी. इसे बनाने के लिए डिजाइन को तैयार कर लिया गया है.

गांधी सागर नेशनल पार्क में जिस तरह का बूमा है, उसी की तरह यहां भी डेवलप करने का प्लान बनाया है. तैयार की गई रिपोर्ट को हैदराबाद के वैज्ञानिकों के पास भेज दिया गया है. वहां से अप्रूवल मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. चीतों का बाड़ा बनाने के लिए गांधी सागर और कूनो इन दो जगहों में से किसी एक के जैसा तैयार करना था दोनों ही जगह का मुआयना करने के बाद गांधी सागर में बना बुमा ज्यादा बेहतर लगा यह ज्यादा इंप्रूवमेंट वाला है इसलिए गांधी सागर के जैसे ही नौरादेही में चीतों का बाड़ा तैयार किया जाएगा.

बाड़ों में ऐसे रखे जाएंगे चीते
चीतों का बाड़ा करीब 200 एकड़ की जगह में तैयार किया जाएगा, जो सर्रा, मुहली और झापन रेंज में से किसी एक जगह पर तैयार होगा. इस जगह में दो तरह के चीतों के बाड़े बनाए जाएंगे. एक क्वॉरेंटाइन और दूसरा रिलीज वाला. क्वॉरेंटाइन में एक महीने तक वन्य प्राणी रखा जाएगा, इसके बाद वह रिलीज वाले एरिया में होगा और फिर सब कुछ सही होने पर उन्हें खुले जंगल में हवा से बातें करने के लिए आजाद कर दिया जाएगा. किसी भी बड़े और संवेदनशील वन्य प्राणी को जब किसी नई जगह पर या पार्क में शिफ्ट किया जाता है, तो उन्हें उस जगह पर छोड़ने से पहले Quarantine करने के लिए नेचुरल बाड़ा तैयार किया जाता है, जो लगभग 30 दिनों के लिए होता है.

वैज्ञानिक कर चुके मुआयना
इसी तरह सागर दमोह और नरसिंहपुर जिले की सीमाओं में फैले वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का 600 स्क्वायर किलोमीटर एरिया चीता शिफ्टिंग के लिए काफी अनुकूल है. यहां पर हैदराबाद से आए वैज्ञानिकों की टीम ने मुआयना भी किया है. इसके बाद यहां चीता लाने की सहमति बनी है. जल्द से जल्द 6 बिंदुओं पर काम करने के निर्देश दिए हैं. यह टाइगर रिजर्व 2140 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है.

देश का पहला ऐसा रिजर्व…
चीता आने के बाद यह भारत का एकमात्र ऐसा टाइगर रिजर्व होगा, जहां बिल्ली कैटेगरी के तीन वन्य प्राणी तेंदुआ टाइगर और चीता पाए जाएंगे. साथ ही यहां पर पर्यटन की नई संभावनाएं बनेंगी, जिसकी वजह से क्षेत्र की प्रगति रफ्तार पकड़ेगी. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार मिलेगा.

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यहां भी आएगा रफ्तार का बादशाह! पहला ऐसा रिजर्व, जहां होंगे बाघ, तेंदुआ, चीता



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