शनिश्चरी अमावस्या पर आज शनि मंदिरों में भक्तों का तांता लगेगा। शनिदेव के दर्शन कर भक्त आशीर्वाद लेंगे। शहर के विभिन्न शनि मंदिरों में शनिदेव का शृंगार किया जाएगा। मंदिरों में सुंदर सजावट की गई है। फूल बंगला भी सजाया गया है। इंदौर के एक शनि मंदिर में
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इंदौर के जवाहर मार्ग स्थित करीब 300 साल पुराने प्राचीनतम श्री शनिदेव मंदिर में शनिदेव का आकर्षक शृंगार किया जाएगा। मंदिर के पुजारी व ज्योतिषाचार्य पं.बाबूलाल जोशी व पं.कान्हा जोशी ने बताया कि 23 अगस्त, शनिवार को शनि अमावस्या पर शनिदेव को शृंगार में रजतमयी चांदी के चरण चिह्न भेंट व 101 प्रकार के भोग अर्पित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि विश्वभर में जहां भी शनिदेव की प्रतिमाएं है वहां शनिदेव को तेल, सिंदूर, सोने व चांदी के वर्क, चमक, पोशाकों द्वारा शृंगार किया जाता है। शनिदेव कलयुग के सर्वोच्च न्यायाधीश, दंडाधिकारी व कर्मफलदाता है जो कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्म अनुसार दंड व फल प्रदान करते है और संपूर्ण वैभव देने वाले देवता है। शनिदेव नव ग्रहों में सबसे सुंदर, नीले व काला वर्ण लिए हुए आकाश मंडल में सुशोभित है।
उषा नगर एक्सटेंशन स्थित गजासीन शनि धाम।
गजासीन शनि धाम में होगी खप्पर महाआरती
उषा नगर एक्सटेंशन स्थित गजासीन शनि धाम पर शनि अमावस्या पर विशेष खप्पर महाआरती होगी। यहां दादू महाराज के सान्निध्य में शनि देव का ताप्ती नदी के पवित्र जल से अभिषेक होगा। अभिषेक के बाद अपराजिता के नीले फूलों से शनिदेव का शृंगार किया जाएगा। रात 8.30 पर सामूहिक शनि चालीसा पाठ और शनि मंत्रों का जाप के बाद खप्पर महाआरती होगी। इसके बाद प्रसाद वितरण ही किया जाएगा।
शनिदेव का होगा विशेष शृंगार, लगेगा 56 भोग
जूनी इंदौर स्थित शनि मंदिर में पुष्प सज्जा की जाएगी। मंदिर में सुंदर सजावट होगी। अलसुबह 3 बजे से सुबह 9 बजे तक 108 बटुकों द्वारा शनि महामृत्युजंय स्त्रोत पाठ किया जाएगा। इसके बाद शनि शांति महायज्ञ 21 जोड़ों द्वारा किया जाएगा। शाम को 8 बजे शनिदेव की महाआरती की जाएगी।