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Shani amavasya 2025: शनिश्चरी अमावस्या पर उज्जैन के त्रिवेणी घाट स्थित नवग्रह शनि मंदिर में हजारों श्रद्धालु पहुंचे. यहां शिप्रा नदी में स्नान और शनिदेव के दर्शन से साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को शांति मिलती …और पढ़ें
बता दें कि शनिश्चरी अमावस्या पर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के जल से भक्त स्नान करते हैं. सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र से आए श्रद्धालुओं को भीड़ देखने को मिलती है. पुजारी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि साल में जितनी भी अमावस्या आती है उसमे शनिश्चरी अमावस्या महत्वपूर्ण है. इस दौरान जो भक्त इस शनि मंदिर का दर्शन करता है. उस पर शनिदेव की साढ़े साती व ढैय्या का प्रभाव कम होता है.
नवग्रह मंदिर के पुजारी राकेश बैरागी नें बताया शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालु भगवान को लोहा, तिल, नमक, काला कपड़ा, तेल दान करते हैं. इसके अलावा, भक्त घाट पर स्नान के बाद पहने हुए कपड़े व जूते-चप्पल को पनौती के रूप में वहीं छोड़ जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने की परंपरा सदियों पुरानी है, जिस पर भक्त आज भी अमल करते हैं.
शिव के रूप में विराजमान है शनिदेव
यहां पर मुख्य शनिदेव की प्रतिमा के साथ-साथ ढय्या शनि की भी प्रतिमा भी स्थापित है. बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का इतिहास भी इस मंदिर से जुड़ा हुआ है. यही नहीं, यह शनि मंदिर पहला मंदिर भी है, जहां शनिदेव शिव के रूप विराजमान हैं. यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाते हैं. कहा जाता है कि यहां साढ़ेसाती और ढय्या की शांति के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाया जाता है.
मंदिर के पुजारि राकेश बैरागी ने बताया कि यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना है. राजा विक्रम आदित्य की जब साढ़ेसाती खत्म हुई थी. तो शनि महाराज राजा पर प्रसन्न हुए और यहां सारे गृह एक साथ प्रकट हुए. इसे शनि मंदिर में एक साथ विराजमान हुए, तभी से इस मंदिर में लोगों की आस्था है.
त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का बहुत महत्व है. यही वजह है कि प्रशासन को पहले ही श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा पड़ने का अनुमान था. इसी को देखते हुए त्रिवेणी संगम पर तमाम व्यवस्थाएं जुटाई गई थीं. शनिश्चरी अमावस्या का स्नान भले ही आज सुबह से प्रारम्भ हुआ हो, लेकिन हजारों की संख्या में ग्रामीण अंचल से श्रद्धालु शुक्रवार रात्रि को ही पहुंच गए थे. इन श्रद्धालुओं ने रात्रि में शिप्रा किनारे ही भजन-कीर्तन किया और अल सुबह स्नान, दर्शन और दान पुण्य कर धर्म लाभ अर्जित किया.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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