निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर जनपद की चिरपुरा ग्राम पंचायत को प्रशासन ने टॉप 10 उत्कृष्ट पंचायत का दर्जा दिया है। लेकिन यहां की वास्तविक स्थिति इस सम्मान के एकदम विपरीत है।
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पंचायत भवन के सामने कीचड़ और कचरे का ढेर पड़ा है। पंचायत के अंतर्गत आने वाले हसाई का खिरक गांव का मुख्य मार्ग जलभराव से त्रस्त है। 150 की आबादी वाले इस गांव के लोगों को रोजाना 3 से 4 फीट गहरे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
स्थिति इतनी खराब है कि एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं गांव तक नहीं पहुंच पाती हैं। बीमार व्यक्ति को चारपाई पर या कंधों पर ले जाना पड़ता है। गांव के स्कूली बच्चों को अपने कपड़े कंधे पर और चप्पल हाथ में लेकर चलना पड़ता है। शिक्षक भी इन्हीं कठिन परिस्थितियों में स्कूल पहुंचते हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि नेताओं और अधिकारियों ने बिना वास्तविक स्थिति देखे पंचायत को पुरस्कृत किया है। चुनाव में पक्की सड़क के वादे किए जाते हैं, लेकिन पूरे नहीं होते। कई बार आवेदन करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीण सवाल कर रहे हैं कि उत्कृष्ट पंचायत का दर्जा देने से पहले उनकी बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया।
