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Zamin Ka Fal: ये जंगली फल बरसात में खेत-खलिहान, बाग-बगीचे कहीं भी उग आता है. इसको खाने से गैस-कब्ज में आराम मिलता है. वैद्य का दावा है कि इस फल के सेवन से…
4 महीने रहता है मौसमी फल
कई साल से सब्जी की खेती कर रहे छतरपुर के किसान विनेष पाल बताते हैं कि इस फल को यहां की भाषा में गिला, कचरिया या जमीन का फल कहते हैं. यह फल तिल या अरहर फसल के खेत में या कहीं भी अपने आप ही उग आता है. इसे कोई लगाता नहीं है. किसान के मुताबिक, यह 3 से 4 महीने तक फल देता है. ज्यादातर किसान भूखे होने पर इस फल को खा लेते हैं. इससे शरीर में फूर्ति आ जाती है. किसान ही नहीं, बल्कि इसे आमजन भी खेतों और बाजारों से खरीदकर घर ले जाते हैं.
विनेष बताते हैं कि इसके पके फल को ही खाया जाता है. कच्चे फल का अचार रखा जाता है. पके फल की सब्जी बनाई जाती है. इसकी सब्जी भी सामान्य सब्जी जैसे ही बनाई जाती है. इसके बीज को निकालकर इसे सुखाने के बाद तेल में सिराकर रोटी के साथ बड़े चाव से खाया जाता है. इसे सुखाकर पापड़ की तरह तेल में सिराकर भी खाया जाता है.
कब्ज से मिलती है राहत
वैद्य ईश्वर दीन बताते हैं, इस फल को खाने का सबसे बड़ा फायदा ये कि जिसे कब्ज या गैस की समस्या होती है, उनके लिए यह फल रामबाण है. इसका लगातार सेवन करने से पेट की समस्या से निजात मिलता है. बरसात में ये फल आता है. इस फल में प्रोटीन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. लोग इसे अपने स्वाद अनुसार अलग-अलग तरह से सेवन करते हैं. वैद्य के अनुसार, एक सीजन में अगर इस फल का सेवन कर लिया जाए तो गैस-कब्ज दोबारा नहीं सताती.
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