चेंबर के निर्वाचन को रेलवे ने किया अनदेखा, सांसद की अनुशंसा पर बने सलाहकार, पत्र एक साल बाद भी नहीं दिया – Gwalior News

चेंबर के निर्वाचन को रेलवे ने किया अनदेखा, सांसद की अनुशंसा पर बने सलाहकार, पत्र एक साल बाद भी नहीं दिया – Gwalior News


ग्वालियर में व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन, मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स की निर्वाचन प्रक्रिया को रेलवे ने दरकिनार कर दिया है। क्योंकि एक साल पहले चेंबर में जेडआरयूसीसी (जोनल रेलवे यूजर कंसल्टेटिव कमेटी) एवं डीआरयूसीसी (​डिवीजन रेलवे यूजर कंसल्टेटिव कमेटी)

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मगर इस निर्वाचन में चुने गए 2 सदस्य विपुल गुप्ता एवं मनोज सरावगी के लिए आज दिनांक तक रेलवे ने पत्र जारी नहीं किया। ऐसा ही 30 सितंबर 2023 को एसआरयूसीसी के लिए निर्वाचित हुए रवि गर्ग के साथ भी हुआ। वहीं ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने चेंबर के संयुक्त अध्यक्ष हेमंत गुप्ता एवं पूर्व कोषाध्यक्ष बसंत अग्रवाल को भोपाल एवं झांसी मंडल में रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति में अपना प्रतिनिधि नामित किया था।

जिसे लेकर रेलवे ने आधिकारिक पत्र जारी कर दिए हैं। इस समिति का कार्यकाल दो वर्षों है, जो 16 अगस्त 2024 से शुरू हो चुका है, और 15 अगस्त 2026 को समाप्त होागा।

सदस्य बोले-ऐसे निर्वाचन का क्या मतलब, चेंबर की साख खराब हुई

चेंबर के कार्यकारिणी सदस्य विपुल गुप्ता का कहना है कि रेलवे ने चेंबर से रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री समिति के लिए नाम मांगे थे। 2 से अधिक दावेदार होने के कारण चुनाव हुए थे, मगर ऐसे निर्वाचन का क्या मतलब हुआ। हमने यह बात कार्यकारिणी में भी रखी थी। इससे चेंबर की साख भी खराब हुई है।

रेलवे ने मांगे थे नाम, सिंधिया से करेंगे बात समिति के लिए रेलवे ने चेंबर से नाम मांगे थे। 3 नाम भेजे गए थे, लेकिन रेलवे ने पत्र नहीं भेजे हैं। इस विषय को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने रखेंगे।– डॉ. प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स

हमने लगातार पत्राचार किया, रेल मंत्री से भी मिले रेलवे को 3 नाम भेजे थे, मगर तीनों केपत्र नहीं आए। हमने इसके लिए पत्राचार कर प्रयास किया। रेल मंत्री अश्वणी वैष्णव से मिला था, तब भी यह बात वहां रखी थी।- दीपक अग्रवाल, मानसेवी सचिव, चेंबर ऑफ कॉमर्स

जरूरी नहीं सभी संस्थाओं के सदस्य बनाए जाएं जेडआरयूसीसी-डीआरयूसीसी के लिए 6 तरह की संस्थाओं के सदस्यों के नाम लिए जाते हैं। मगर जरूरी नहीं है कि सभी को सदस्य बनाया जाए। – शशीकांत त्रिपाठी, सीपीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे



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