Last Updated:
Ganesh Chaturthi: हम आपको गणपति बप्पा के एक ऐसे अनोखे भक्त के बारे में बताते हैं, जिनका जीवन गणेश प्रतिमा बनाने में निकल रहा है. 38 साल से कमाल कर रहे हैं. इस बार तो गजब ही कर डाला…
इस बार उन्होंने 51,000 सोयाबीन की बरी का इस्तेमाल कर 7 फीट ऊंची और 21 किलो बजनी गणेश प्रतिमा तैयार की है. इस प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मूर्तिकार अशोक साहू द्वारा जनवरी में ही इसे बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया था. एक-एक बरी को रेती से घिसकर समान साइज में बनाकर फेविकोल से चिपकाकर आकार देने में इन्हें पूरे आठ माह का समय लगा है.
दरअसल सागर से करीब 80 किलोमीटर दूर बीना है. यहां पर 73 साल के अशोक साहू गणपति बप्पा के भक्त हैं. इनके द्वारा मिट्टी से नहीं हर बार ऐसी चीजों से गणेश प्रतिमा बनाई जाती है, जो इको फ्रेंडली हो. इसमें अभी तक चने की दाल, मूंगफली, घी, नारियल, सेव, मखाने, बूंदी, लाई, ज्वार के डंठल, बेर, माचिस की तीली, मोतीचूर के लड्डू, गरी गोला, साबूदाना जैसी चीजों का इस्तेमाल करके प्रतिमा बना चुके हैं.
इसलिए बनाता हूं ऐसी प्रतिमाएं
अशोक साहू बताते हैं कि उनका जन्म गणेश चतुर्थी के दिन हुआ था, इसलिए मैं जो भी करता हूं, जो भी सीख पाया हूं और जानता हूं, सब कुछ बप्पा की ही कृपा है. जलाशयों में प्लास्टर आफ पैरिस में प्रतिमाएं गलती नहीं हैं. मिट्टी की प्रतिमा सभी बनाते ही हैं, इसलिए मैंने ईको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाने का निर्णय लिया था, ताकि विसर्जन के बाद जलीय जीव जंतुओं को भी आहार मिले और प्रकृति की भी रक्षा हाे सके. हर साल लोग विशेष रूप से झांकि देखने आते हैं ओर हैरत में पड़ जाते हैं लोगों से मिली तारीफ से हर बार और अच्छा करने का साहस मिलता है.