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Cheteshwar Pujara retirement: पिछले दो साल से भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे चेतेश्वर पुजारा किसी और से बेहतर समझते हैं कि बिना किसी पछतावे के राष्ट्रीय टीम से विदाई लेने का यह सही समय है.

सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने 2010 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. संन्यास का ऐलान करते हुए पुजारा ने अपनी मां रीना पुजारा को याद किया, जिनका 2005 में निधन हो गया था. चेतेश्वर की उम्र उस समय 17 साल ही थी. उन्होंने कहा:
वह हमेशा मेरे पिता से कहती थीं कि अपने बेटे की चिंता मत करो, वह आखिरकार भारतीय टीम के लिए खेलेगा और उनके शब्द सच हो गए. मुझे यकीन है कि मैंने अपने क्रिकेट सफर में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उन पर उन्हें बहुत गर्व होगा. लेकिन साथ ही मुझे उनके शब्द अभी भी याद हैं, वह मुझसे कहती थीं कि चाहे तुम कितने भी बड़े क्रिकेटर बन जाओ, तुम्हें एक अच्छा इंसान बनना चाहिए। मुझे यह अभी भी याद है और उन्हें मुझ पर बहुत गर्व होगा.
इस दिग्गज बल्लेबाज ने अपने आध्यात्मिक गुरु हरिचरण दास जी महाराज का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने दबाव वाले पलों में उन्हें शांत और संतुलित रहने में मदद की. उन्होंने कहा:
मैं अपने आध्यात्मिक गुरु, श्री हरिचरण दास जी महाराज को भी धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने मेरी आध्यात्मिक यात्रा में योगदान दिया है. उनके शब्द थे, ‘आपको मानसिक रूप से शांत रहना होगा और खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा क्योंकि आप बहुत दबाव वाली परिस्थितियों में खेलते हैं, न केवल क्रिकेट में बल्कि जीवन में भी’. उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है ताकि मैं संतुलित और केंद्रित रह सकूं.
फरवरी 2025 से नेटवर्क 18 समूह में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में एक दशक का अनुभव. बतौर रिपोर्टर कई नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के साक्षी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करियर की शुरुआत. जागरण न्यू मीडिया…और पढ़ें
फरवरी 2025 से नेटवर्क 18 समूह में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में एक दशक का अनुभव. बतौर रिपोर्टर कई नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के साक्षी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करियर की शुरुआत. जागरण न्यू मीडिया… और पढ़ें