दंगे की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल: शाजापुर में पुलिसकर्मियों को मिला टियर गैस और हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल का प्रशिक्षण – shajapur (MP) News

दंगे की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल:  शाजापुर में पुलिसकर्मियों को मिला टियर गैस और हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल का प्रशिक्षण – shajapur (MP) News


पुलिस को दिया गया टियर गैस और ग्रेनेड का प्रशिक्षण

शाजापुर पुलिस लाइन परिसर के परेड ग्राउंड में मंगलवार को बलवा परेड का आयोजन हुआ। जिले के सभी थानों के पुलिस अधिकारी और कर्मचारी इसमें शामिल हुए। परेड का मुख्य उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए पुलिस बल को प्रशिक्षित करना था। पुलिस की विभि

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इनमें अश्रु गैस पार्टी, कैन पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी और रिजर्व पार्टी शामिल थीं। परेड के बाद पुलिस कर्मियों को अश्रु गैस सेल, टियर गैस सेल और हैंड ग्रेनेड के संचालन का प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस बल ने संयोजन और त्वरित प्रतिक्रिया का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम में एसडीओपी शाजापुर गोपाल सिंह चौहान, बेरछा एसडीओपी रवि प्रकाश कौल और उप पुलिस अधीक्षक अजय मिश्रा मौजूद रहे। इसके अलावा कोतवाली प्रभारी संतोष वाघेला, लालघाटी प्रभारी अर्जुन सिंह मुजाल्दे, सुनेरा प्रभारी भरत किरार, मक्सी प्रभारी भीम सिंह पटेल, मोहन बड़ोदिया प्रभारी प्रेम किशोर व्यास और महिला थाना प्रभारी आशा सोलंकी भी उपस्थित थे।

बलवा परेड में पुलिसकर्मी ये प्रमुख गतिविधियां करते हैं

  • परेड और फॉर्मेशनपुलिस बल को अलग-अलग टुकड़ियों (जैसे अश्रु गैस पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी, रिजर्व पार्टी) में बांटकर तैयार किया जाता है।
  • मॉक ड्रिल- काल्पनिक बलवा (दंगा) की स्थिति बनाकर पुलिसकर्मी यह अभ्यास करते हैं कि भीड़ को कैसे नियंत्रित करना है।
  • हथियार व उपकरणों का प्रयोग- इसमें लाठी, ढाल, टियर गैस, अश्रु गैस सेल, कैन, रबर बुलेट आदि के प्रयोग का प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • रणनीति का अभ्यास- भीड़ को तितर-बितर करना, गिरफ्तारी करना, और हालात को शांतिपूर्ण तरीके से नियंत्रण में लेना सिखाया जाता है।
  • टीमवर्क और त्वरित प्रतिक्रिया- सभी पुलिसकर्मी एकसाथ तालमेल में कार्रवाई करते हैं ताकि वास्तविक स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।



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