मंगलवार शाम से मुरैना में बारिश शुरू हुई, जो दो घंटे तेज बरसी और उसके बाद भी रिमझिम जारी है। पहले से ही हो रही बारिश से जन जीवन प्रभावित है और किसानों की चिंता बढ़ गई है।
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जिले में पहले हुई अतिवृष्टि के कारण बाजरे की फसल अधिकतर किसान उगा ही नहीं सके थे। उसके बाद चंबल नदी में आई बाढ़ ने नुकसान और बढ़ा दिया। इस वर्ष बाजरा, मूंग और तिल की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में किसानों के लिए अनाज और मवेशियों के चारे का संकट रहेगा।
सरसों और गेहूं की बुवाई भी संकट में आज की तेज बारिश के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है। अगर बारिश ऐसे ही जारी रही तो आने वाले समय में सरसों और गेहूं की बुवाई पर भी संकट आएगा। खेतों की जुताई समय पर न होने से बोवनी नहीं हो पाएगी।
नदियां अभी भी उफान पर चंबल, आसान और क्वारी नदियों का जल स्तर कम हुआ है, लेकिन सामान्य जीवन पर असर डालने वाले स्तर से अभी भी अधिक है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और नदी किनारे सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
बारिश से गर्मी और उमस से राहत लगातार बारिश के चलते भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली है, हालांकि जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी मौसम विज्ञान विभाग के डॉ. संदीप सिंह तोमर ने बताया कि अगले पांच दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। रुक-रुक कर बारिश और रिमझिम होती रहेगी, जिससे फसलों और जन जीवन पर असर बना रहेगा।