गणेश उत्सव को लेकर विदिशा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। 150 से अधिक स्थानों पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। कहीं 2 फीट की तो कहीं 15 फीट तक ऊंची प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र हैं।
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गणेश प्रतिमा स्थापना से एक दिन पहले ही मंगलवार को समितियों के सदस्य बैंड-बाजों के साथ उत्साहपूर्वक झांकियों के लिए प्रतिमा लाते नजर आए। कोई प्रतिमा ठेले पर लेकर आया तो किसी ने ट्रैक्टर-ट्रॉली या लोडिंग वाहन का उपयोग किया। इस दौरान पूरे शहर में बाजों की गूंज और जय गणेश के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
देर रात तक चलता रहा प्रतिमा लाने का सिलसिला
गणेश स्थापना बुधवार को होगी, लेकिन उत्साह का यह आलम रहा कि एक दिन पहले ही शहर की सड़कों पर भीड़ और भक्ति का नजारा देखने को मिला। ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ विदिशा पहुंचे और गणेश प्रतिमा लेकर झांकियों तक रवाना हुए।
सुरक्षा इंतजाम रहे नाकाफी
इस उत्सव के दौरान कई समितियों ने बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं सड़कों से निकालीं, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं दिखे। ऊंची प्रतिमाओं के कारण कई स्थानों पर बिजली के तार अटकते नजर आए। लोगों ने खुद ही हाथों से तार उठाकर प्रतिमाओं को आगे बढ़ाया, जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रही।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपील की कि ऐसे आयोजनों के दौरान बिजली विभाग और पुलिस की ओर से समय रहते पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि उत्सव के दौरान कोई अनहोनी न हो।
सजावट और झांकियों में दिखी रचनात्मकता
शहर के कई इलाकों में स्थापित की जा रही झांकियों में रंग-बिरंगी लाइटिंग, पारंपरिक थीम और सांस्कृतिक झलकियों को उकेरा गया है। युवा वर्ग खासतौर पर झांकियों की सजावट में आगे है और अपनी कल्पनाशीलता से गणेश उत्सव को खास बना रहे हैं।
बुधवार को पूरे शहर में विधिवत रूप से गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इसके बाद गणेशोत्सव के दस दिनों तक रोज पूजा-पाठ, आरती, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विसर्जन की तैयारियां भी समितियों द्वारा अभी से शुरू कर दी गई हैं।