6, 4, 4, 4, 4…मलिंगा का करियर बर्बाद करने वाला ओवर, भारतीय स्टार ने चकनाचूर कर दिया था घमंड

6, 4, 4, 4, 4…मलिंगा का करियर बर्बाद करने वाला ओवर, भारतीय स्टार ने चकनाचूर कर दिया था घमंड


Virat Kohli vs Malinga 24 Runs: श्रीलंकाई गेंदबाज हमेशा से दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान करते आए हैं. चामिंडा वास, मुथैया मुरलीधरन, रंगना हेराथ, अजंथा मेंडिस, लसिथ मलिंगा और नुवान कुलशेखरा इनमें प्रमुख रहे हैं. इन गेंदबाजों ने बड़े-बड़े से बल्लेबाजों की गिल्लियों को उड़ाने का काम किया है. मलिंगा इनमें सबसे अलग थे. वह अपने अजीबोगरीब एक्शन और सटीक यॉर्कर के लिए मशहूर थे. उनकी गेंदों को समझना ही दूर की बात होती थी, मारने के बारे में तो ज्यादातर बल्लेबाज सोचते ही नहीं थे. हर खिलाड़ी के करियर में कुछ ऐसे प्रदर्शन होते हैं जिसे वे भूलना चाहते हैं. श्रीलंका दिग्गज भी इससे बच नहीं पाए. एक बार उनकी कुटाई भारत के सुपरस्टार विराट कोहली ने ऐसी की थी कि मलिंगा अब तक नहीं भूल पाए होंगे.

ऑस्ट्रेलिया में छा गए थे कोहली

साल 2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का प्रदर्शन भले ही निराशाजनक रहा हो, लेकिन एक बल्लेबाज ने अपनी छाप छोड़ी.वह थे विराट कोहली. भारत ने जहां टेस्ट सीरीज 0-4 से गंवाई और ट्राई सीरीज के फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई, वहीं कोहली ने अपने बल्ले से तीनों फॉर्मेट में रन बनाए और कुछ यादगार पारियां खेलीं. ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर एक समय टीम से बाहर होने की कगार पर खड़े कोहली ने टेस्ट सीरीज में 300 रन और 8 वनडे में 373 रन बनाए.

सबके जेहन में बस गई विराट की पारी

इनमें श्रीलंका के खिलाफ होबार्ट में खेली गई 133 रनों की नाबाद पारी सबके जेहन में हमेशा के लिए बस गई. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ एक करो या मरो के मैच में 86 गेंदों में तबाही मचा दी थी. वह आज भी इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक मानी जाती है. इस मैच जिताऊ प्रयास ने उन्हें दिग्गजों की छाया से बाहर निकाला और अपनी खुद की पहचान बनाने में मदद की. भले ही कोहली ने होबार्ट की इस पारी से पहले भी मैच जिताऊ पारियां खेली थीं, लेकिन इसी पारी ने उन्हें दुनिया भर में मशहूर कर दिया.

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मलिंगा पर कहर बनकर टूटे विराट

भारत को फाइनल में अपनी जगह बनाए रखने के लिए श्रीलंका के खिलाफ 40 ओवरों में 321 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल करना था. इस चुनौती में कोहली ने अपनी 133 रनों की पारी से सभी दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया और उस समय टीम के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लक्ष्य का पीछा करते समय पारी के 35वें ओवर में लसिथ मलिंगा की गेंद पर उनका प्रहार आज भी उनके करियर के सबसे बेहतरीन पलों में से एक माना जाता है. फाइनल में जगह बनाने की उम्मीद जिंदा रखने के लिए 6 ओवरों में 42 रनों की जरूरत थी और कोहली ने इसका जिम्मा उठाया.उन्होंने मलिंगा के ओवर में 24 रन ठोक दिए.

 

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एक ओवर में 24 रन

कोहली ने ओवर की शुरुआत दो रन से की. उसके बाद एक छक्का लगाया और फिर लगातार चार चौके जड़कर ओवर में कुल 24 रन बटोरे. भारत ने मलिंगा के अगले ओवर में ही मैच जीत लिया. मलिंगा ने इस मैच में 7.4 ओवर में 96 रन देकर 1 विकेट लिया. यह उनके करियर पर एक बड़ा दाग साबित हुआ. मलिंगा इसके बाद पहले की तरह खतरनाक तो रहे, लेकिन अन्य बल्लेबाज भी उनके खिलाफ तेजी से रन बनाने की हिम्मत दिखाने लगे.

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सातवें आसमान पर पहुंचा कोहली का करियर

इस पारी के तुरंत बाद कोहली को एशिया कप के लिए महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया का उप-कप्तान बनाया गया. तब से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब वह तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान बने. विराट अब टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके हैं. वह सिर्फ वनडे फॉर्मेट में सक्रिय हैं.



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