कैसे पढ़ाई ने बनाया अश्विन को मैदान का महारथी, डिग्री ने बनाया डेंजर बॉलर

कैसे पढ़ाई ने बनाया अश्विन को  मैदान का महारथी, डिग्री ने बनाया डेंजर बॉलर


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साफ और सच्ची बात करने वाले अश्विन उन स्पिन गेंदबाजों में से रहे जिन्होंने नई गेंद के साथ पावर प्ले में गेंदबाजी की और सफलता हासिल की. अश्विन जिस तरह से बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसाते थे उससे एक बात तो साफ झल…और पढ़ें

कैसे पढ़ाई ने बनाया अश्विन को  मैदान का महारथी, डिग्री ने बनाया डेंजर बॉलरइंजीयरिंग की डिग्री ने बनाया अश्विन को आईपीएल में डेंजर बॉलर
नई दिल्ली. भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जुनून है। यहां खिलाड़ियों की कहानियां अकसर संघर्ष और मेहनत से भरी होती हैं लेकिन कुछ क्रिकेटरों ने मैदान पर आने से पहले किताबों और इंजीनियरिंग की लैब में भी सफलता हासिल की दिलचस्प बात यह है कि दक्षिण भारत से ऐसे कई खिलाड़ी सामने आए हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर क्रिकेट की दुनिया में छा गए. उनमें से एक थे आर अश्विन जिन्होंने बुधवार को आईपीएल को भी अलविदा कह दिया.

साफ और सच्ची बात करने वाले अश्विन उन स्पिन गेंदबाजों में से रहे जिन्होंने नई गेंद के साथ पावर प्ले में गेंदबाजी की और सफलता हासिल की. अश्विन जिस तरह से बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसाते थे उससे एक बात तो साफ झलकती थी कि वो अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल अपनी गेंदबाजी में भी करते थे. व्हाइट बॉल और रेड बॉल के साथ जितनें एक्सपेरीमेंट अश्विन ने किया वो कोई भी गेंदबाज नहीं कर पाया.

इंजीनियर का दिमाग आया काम 

अश्विन से पहले भी कई क्रिके्टर भारत के लिए खेले जिनके पास इंजीयरिंग की डिग्री थी पर इस आफ स्पिन गेंदबाज की बात ही कुछ और थी क्योंकि वो एक गेंदबाज के तौर पर नहीं एक इंजीनियर के तौर पर प्लान बनाते थे. इंजीनियरिंग दिमाग को विश्लेषण और समस्या हल करने की क्षमता देती है. यही कारण है कि इन खिलाड़ियों ने मैदान पर रणनीति बनाने और मुश्किल परिस्थितियों में समाधान ढूंढने में महारत दिखाई इसीलिए अश्विन को “सोचने वाले गेंदबाज” कहा जाता है. अश्विन को अपनी गेंदबाजी पर कितना कंट्रोल था इस बात का अंदाजा आप उनके आईपीएल रिकॉर्ड से लगा सकते है. अश्विन ने 7 की इकॉनामी से 187 विकेट लिए.

इंजीनियर से क्रिकेटर बने खिलाड़ी

अनिल कुंबले – भारत के दिग्गज लेग स्पिनर और टेस्ट क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट लेने वाले कुंबले, R.V. College of Engineering, बेंगलुरु से मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ चुके हैं. जवागल श्रीनाथ -तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर श्रीनाथ ने भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. वे मैसूर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियर बने.अन्य पढ़े-लिखे भारतीय क्रिकेटर्स की बात करें तो राहुल द्रविड़ – “दीवार” कहे जाने वाले द्रविड़ ने कॉमर्स में MBA किया. वी.वी.एस. लक्ष्मण – डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन क्रिकेट चुन लिया। उन्होंने MBBS की पढ़ाई शुरू की थी. मुरली विजय – दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पढ़ाई की.

दक्षिण भारत से क्यों आते हैं इंजीनियर क्रिकेटर?

दक्षिण भारत लंबे समय से शिक्षा का केंद्र रहा है.  यहां इंजीनियरिंग कॉलेज और पढ़ाई को लेकर गहरी परंपरा है.  पढ़ाई के साथ क्रिकेट को भी संतुलित करने की संस्कृति ने वहां से कई पढ़े-लिखे क्रिकेटर पैदा किए. इंजीनियरिंग और पढ़ाई ने इन क्रिकेटरों को मैदान पर अलग पहचान दी.  खेल और शिक्षा का यह संगम बताता है कि क्रिकेट सिर्फ टैलेंट नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और धैर्य का भी खेल है.

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