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Use of marigold leaves: ग्रामीण इलाकों में आज भी कान दर्द और सूजन के लिए इस फूल का इस्तेमाल होता है. ताज़ी पत्तियों से निकाले गए रस की कुछ बूंदें कान में डालने से तुरंत राहत मिलती है.
परंपरा से जुड़ा उपचार
गेंदे के फूल का महत्व पूजा-पाठ में तो है ही, लेकिन इसकी पत्तियां भी स्वास्थ्य की दृष्टि से कम उपयोगी नहीं. गेंदे की पत्तियों का रस कान दर्द और सूजन से तुरंत आराम दिलाता है. पुराने जमाने में जब दवाइयों की उपलब्धता सीमित थी, तब यही नुस्खा लोगों की पहली पसंद हुआ करता था जो उनके लिए कारगर साबित होता था.
गेंदे की पत्तियों का इस्तेमाल बेहद आसान है. इसके लिए ताज़ी 8 से 10 पत्तियां ली जाती हैं जिन्हें अच्छी तरह धोने के बाद बारीक पीसकर रस निकाला जाता है. इस रस की 2 से 3 बूंदें कान में डालने से दर्द, जलन और सूजन से आराम मिलता है. कई ग्रामीण परिवारों में यह तरीका आज भी पीढ़ियों से चला आ रहा है.
स्थानीय लोगों का अनुभव
लोकल 18 से बातचीत में स्थानीय निवासी मीना द्विवेदी ने बताया कि पुराने समय में गांव के लोग डॉक्टर के पास भागने की बजाय सबसे पहले घर में लगे गेंदे के पौधे का सहारा लेते थे. उनका कहना है कि कई बार केवल इस नुस्खे से ही कान की समस्या खत्म हो जाती थी और लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी.
हालांकि आज के दौर में आधुनिक चिकित्सा ने अपनी अलग जगह बनाई है लेकिन बघेलखंड के कई गांवों में लोग आज भी गेंदे की पत्तियों से बने इस घरेलू उपचार को अपनाते हैं.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.