भोपाल में 50% गर्भवतियों की नहीं हो रही मॉनिटरिंग: अनमोल-2 पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं होने से पता नहीं चल रहे हाई रिस्क प्रेगनेंसी के आंकड़े‎ – Bhopal News

भोपाल में 50% गर्भवतियों की नहीं हो रही मॉनिटरिंग:  अनमोल-2 पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं होने से पता नहीं चल रहे हाई रिस्क प्रेगनेंसी के आंकड़े‎ – Bhopal News


राजधानी में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर खामियां सामने आई हैं। हर साल होने वाली डिलीवरी में से करीब आधी गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य विभाग की निगरानी से बाहर रह जाती हैं। नतीजा- पता ही नहीं चल पाता कि कितनी महिलाएं एनीमिया, हाई ब्लड प्रेशर या अन

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हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में यह कमी उजागर हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए सभी निजी अस्पतालों को अनमोल-2 पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण अनिवार्य करने के निर्देश जारी किए हैं। अप्रैल से अगस्त 2025 तक भोपाल समेत कई जिलों में पंजीकरण में पिछले साल की तुलना में भारी गिरावट दर्ज की गई। अकेले भोपाल में ही करीब 18 हजार की कमी सामने आई।

यह स्थिति सीधे मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) घटाने के प्रयासों पर असर डाल रही है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे के मुताबिक मध्यप्रदेश की मातृ-मृत्यु दर159 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 88 है। सरकार ने 2030 तक इसे 70 तक लाने का लक्ष्य रखा है।

अनमोल-2 पोर्टल से क्या होगा फायदा

अनमोल-2 पोर्टल गर्भवती महिलाओं का डिजिटल पंजीकरण, हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान, प्रसव और नवजात सेवाओं का रिकॉर्ड तैयार करेगा। योजनाओं के भुगतान भी अब ई-केवाईसी से सीधे जुड़ेंगे। इससे हर महिला का समग्र रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। गंभीर मामलों की शीघ्र पहचान और रेफरल संभव होगा। जननी सुरक्षा और प्रसूति सहायता का लक्षित भुगतान सुनिश्चित होगा। जिले और प्रदेश स्तर पर नीति निर्माण के लिए भरोसेमंद आंकड़े मिलेंगे।

निजी-सरकारी समन्वय अनिवार्य

स्वास्थ्य विभाग ने साफ कहा है कि बिना निजी अस्पतालों की भागीदारी वास्तविक निगरानी असंभव है। इसलिए सभी निजी अस्पतालों को पोर्टल पर डेटा अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही आशा और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर-घर सक्रिय खोज, स्क्रीनिंग और पंजीकरण बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने कहा, “अनमोल-2 पर रजिस्ट्रेशन से मरीजों का पूरा प्रोफाइल मिलेगा और समय पर इलाज संभव होगा।



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