ग्वालियर हाईकोर्ट ने रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव से की गई 2.52 करोड़ रुपए की साइबर ठगी के मामले में 7 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि यह एक संगठित साइबर अपराध है। यह बैंकिंग व्यवस्था में जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
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मामले में क्राइम ब्रांच ने कई राज्यों से आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिला कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद 9 आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। आरोपियों का कहना था कि वे निर्दोष हैं। उन्हें नौकरी की तलाश में एक कंसल्टेंसी के संपर्क में आने पर नवीन शर्मा ने उनके चेक और बैंक विवरण ले लिए।
नासिक पुलिस इंस्पेक्टर बनकर किया था कॉल
आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदीप्तानंद को 17 मार्च 2025 को एक व्यक्ति ने वाट्सएप पर कॉल किया। उसने खुद को नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बताया। कॉलर ने कहा कि आश्रम सचिव के नाम से केनरा बैंक में खाता खोला गया है। इसमें करीब 20 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। कॉलर ने गिरफ्तारी की धमकी देकर आश्रम की वित्तीय जानकारी ली। 17 मार्च से 11 अप्रैल 2025 के बीच विभिन्न खातों में 2.52 करोड़ रुपए ट्रांसफर करा लिए।
मामले में यह हैं आरोपी
कोर्ट ने राहुल कहर, काजल जैसवाल, वरवन, शौर्या शुक्ला, सचिन गुप्ता, दीपांशु और तुषार गोमे की जमानत याचिका खारिज कर दी। शिवम सिंह और विनायक को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया।
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रामकृष्ण मिशन आश्रम मामला, लखनऊ से 10 आरोपी पकड़ाए
रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद से 2.52 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले 10 आरोपियों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। ठगी के इस मामले में अब तक 19 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पकड़े गए आरोपियों में दो आरोपी कंबोडिया व म्यांमार में ठगी के स्टूडियों संचालित करने वाले गैंग से जुड़े हैं। पूरी खबर पढ़ें…