मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के स्लीपर सेल किंग सफदर नागौरी इंदौर के पास चोरल में एक ट्रेनिंग कैंप चला रहा था। पुलिस ने इंदौर में एक मकान की तीसरी मंजिल से सफदर सहित 13 लोगों को गिरफ्तार
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पूछताछ में पता चला चोरल नदी के पास फार्म हाउस में ये लोग हथियार चलाने और बम फेंकने की ट्रेनिंग ले रहे थे। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने फार्म हाउस से जमीन में दबाया हुआ विस्फोटक बरामद किया। भड़काऊ पर्चे भी जब्त किए।
सिमी स्लीपर सेल का सरगना सफदर नागौरी।
आखिर क्या था इन आतंकियों का मकसद, इनके पास से बरामद किए गए सामान से क्या खुलासे हुए…
अब पढ़िए आगे की रिपोर्ट में-
आंख पर पट्टी बांधकर बाइक चलाना सिखाया
आरोपियों की गिरफ्तार के बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट में केस की सुनवाई शुरू हुई।
गवाह अतुल पाठक ने बताया कि वो प्राॅपर्टी का व्यवसाय करता है। 2 अप्रैल 2008 को वो और उसका दोस्त आशुतोष शर्मा निवासी नलिया बाखल बिजासन मंदिर की तरफ जा रहे थे। रास्ते में एपीटीसी प्रांगण के पास सड़क पर पुलिस ने बेरिकेड्स लगा रखे थे।
कुछ पुलिस अधिकारियों ने आकर उससे और उसके दोस्त से कहा कि यहां पर हमने सिमी के कुछ आतंकवादियों को रखा है और वे कुछ बताना चाहते हैं। फिर वे दोनों पुलिस के साथ में एपीटीसी की उस बिल्डिंग पर गए, जहां इन आतंकवादियों को रखा गया था। उसके सामने सफदर नागौरी, कमरूद्दीन और आमिल परवेज से पूछताछ की गई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि हमने सिमी के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए चोरल नदी के किनारे ग्राम आरोन्दा में प्रशिक्षण केंद्र लगाया था।

पूछताछ में आतंकियों ने बताया कि बचे हुए विस्फोटक उसी फार्म हाउस में टाट की बोरी में गड्ढे में छुपाकर रखे हैं। साथ ही सिमी से संबंधित आपत्तिजनक पर्चे लोहे की पेटी में वहां बने मकान में रखे हुए हैं। वे चलकर बरामद कराने को तैयार हैं।
जिसके नाम से सिम अलॉट उसे पता ही नहीं
आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल की सिम के बारे में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि एक सिम आशीर्वाद होटल खंडवा में मैनेजर श्रीराम के नाम से अलॉट थी। पूछताछ में पुलिस को उसने बताया कि उसने दो साल पहले अपने नाम से एक सिम खरीदी थी। उसने अपने राशन कार्ड से संबंधित सिम नहीं खरीदी।
उसे इस बात की जानकारी नहीं कि उसके नाम से इस नंबर की सिम किस व्यक्ति ने खरीदी थी। श्रीराम अपने साथ असली राशन कार्ड लेकर पहुंचा।

सिमी के दो गुट- एक ओवरग्राउंड, दूसरा अंडरग्राउंड
कोर्ट में हैदराबाद में पुलिस अधीक्षक पीवी मुरलीधर के बयान करवाए गए। उन्होंने बताया कि थाना गोपालपुरम हैदराबाद में मोहम्मद मुकीमुद्दीन को सहायक उप निरीक्षक सूर्यनारायण ने 5 सीडी, नोकिया फोन, बाइक के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस को पूछताछ में मोहम्मद ने बताया था कि मई 2007 में सिमी का सक्रिय कार्यकर्ता आरोपी सफदर नागौरी, अमरूद्दीन नागौरी, हफीज हुसैन, अब्दुल सुभान, अब्दुल अलीम उसके घर आए थे। उससे मिले थे और उसने मुसलमानों पर हो रहे हमले के संबंध में सिमी के लोगों से चर्चा की थी। हैदराबाद पुलिस ने मोहम्मद वाले केस में आरोपी बलीउद्दीन को गिरफ्तार किया।
बलीउद्दीन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि आरोपी सफदर नागौरी, अमरूद्दीन नागौरी, हफीज हुसैन, अब्दुल सुभान, अब्दुल अलीम आए थे और उससे मिले थे। आरोपियों ने कहा था कि सिमी कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाना है, क्योंकि मुसलमानों पर बहुत हमले हो रहे हैं। जिहादी तैयार करना है और उन्हें सक्रिय बनाना है।

अंडरग्राउंड काम करने वाले बांग्लादेश और पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आते हैं। वो महत्वपूर्ण स्थानों और मंदिरों पर हमला करते हैं। ओवरग्राउंड ग्रुप के लोग आतंकवाद से संबंधित साहित्य को वितरित करते हैं और उसके लिए आतंकवादियों को तैयार करते हैं।
जिहादी साहित्य और सीडी की कुछ कॉपी सफदर नागौरी अपने साथ लेकर आया था।
सीडी में गाना- “मुसलमानों उठो कातिल से टकराने का वक्त आया।”
जिहादी साहित्य और सीडी की कुछ कॉपी सफदर नागौरी अपने साथ लेकर आया था।
आरोपियों से बरामद सीडी की जांच की गई।

एक सीडी में वीडियो निकला जिसमें कुछ लोग लाल कपड़े पहने हुए एक बंदी का गला धारदार हथियार से काटते हुए दिखाए गए थे। जिस बंदी को पकड़ा था उसके हाथ पीछे से बंधे थे।
आगे इसी सीडी में ऑडियो में यह गीत था कि “वो दिन दूर नहीं कश्मीर की आजादी का दिन नजदीक है”।
बरामद विस्फोटक की टेस्ट रिपोर्ट
रिपोर्ट – आरोपियों से बरामद विस्फोटक की जांच वैज्ञानिक नरेंद्र सिंह चौधरी ने की। उन्होंने अपने अभिमत में लिखा कि सभी विस्फोटक उच्च विस्फोटक और डायनामाइट स्टीक विस्फोट के रूप में काम में लाए जा सकते हैं। इनके विस्फोट से धन और जन की क्षति हो सकती है।
तर्क – आरोपियों के वकील चंदन एरन ने दलील दी कि वैज्ञानिक द्वारा मात्र अमोनियम नाइट्रेट का परीक्षण किया गया है। यह स्वीकार किया है कि यह पदार्थ अपने आप में विस्फोट के योग्य नहीं होता है।

इतना ही नहीं एक्सप्लोसिव रूल्स 2012, 11 जुलाई 2012 को प्रभाव में आया हैं। इन नियमों के तहत अमोनियम नाइट्रेट को पहली बार विस्फोटक पदार्थ की श्रेणी में लिया गया है। इसलिए कोई अपराध नहीं बनता है।
कोर्ट ने माना – जब्त जिलेटिन रॉड और डिटोनेटर नागपुर की विस्फोटक निर्माता फैक्ट्री में बने हैं। वैज्ञानिक ने अपने बयानों में बताया है कि अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक पदार्थ का घटक है। अन्य विस्फोटक के साथ मिलाकर इससे ब्लास्ट किया जा सकता है। जिलेटिन रॉड फैक्ट्री द्वारा निर्मित विस्फोटक है, इसलिए केवल अमोनियम नाइट्रेट को लेकर जो आपत्ति की गई है, वह मान्य किए जाने योग्य नहीं है।
सीडी में दिखी आतंकी गतिविधियां
जब्त की गई सभी सीडी को चलाकर देखा गया तो पाया कि एक वीडियो में अफगानिस्तान लिखा हुआ है और बमबारी करते हुए दिखाया गया है। टूटे हुए घरों में कुछ बच्चे किताब पढ़ते हुए दिखाए गए हैं। वीडियों में झरना दिखाई दे रहा है।
कुछ लोगों द्वारा रॉकेट दागते हुए दिखाया गया है। वीडियो के बैकग्राउंड में अल्लाहु अकबर का म्यूजिक चल रहा है। दो लोग अरबी वेशभूषा पहने दिखाई दे रहे हैं।
कुछ आंतकवादी अपनी पीठ पर हथियार लेकर जा रहे हैं। वीडियो में मृतक और घायल लोगों को दिखाया गया है। कुछ लोगों को हथियार लेकर जाते हुए दिखाया गया है और एक व्यक्ति को फायरिंग करते हुए दिखाया गया है। उन्हें बमबारी करते हुए भी दिखाया गया है।
जो पहनावा दिखाया गया है वह भारतीय न होकर अरबी देश और अफगान देश का है।

गाने में हथियार और आम नागरिकों पर गोली चलते हुए दिखाई दे रहा है। हथियार से लैस आतंकवादियों द्वारा महिलाओं को मारते-पिटते हुए दिखाया गया है।
जांच अधिकारी बीपीएस परिहार ने कोर्ट में बताया…
- स्वीमिंग, निशानेबाजी, मोटर ड्राइविंग, एयर गन चलाना, एयर पिस्टल, चलते हुए तीरंदाजी, चलते हुए निशाना लगाना, 6 किमी तक बिना रूके दौड़ना, 30 किमी तक बिना रूके चलना, खजूर तथा पानी पर तीन दिन तक बिताना, कुछ दिन जंगल में गुजारना, फ्रैक्चर और गहरे जख्म को खुद ही ठीक करना।
- ट्रेनिंग आपराधिक उद्देश्य के लिए थी। आरोपियों के पास से हथियार मिले। उर्दू साहित्य मिला। आरोपी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध और देशद्रोह करना चाहते थे।
- आतंकियों के जिहाद का मतलब अपने धर्म को स्थापित करने के लिए दूसरे धर्म के लोगों को हतोत्साहित करना, नुकसान पहुंचाना या इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए हिन्दू धर्म को नुकसान पहुंचाने से था।
- गानों से पता चलता है कि सिमी संगठन हिंदुस्तान को इस्लामिक कंट्री बनाना चाहते थे।
(27 फरवरी 2017 को कोर्ट ने देशद्रोह के दोषी पाए गए 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एक एनकाउंटर में मारा गया। )