Mohammed Shami Cricketer: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और नफरत का शिकार होते रहते हैं. भारतीय टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद शमी को समय-समय पर एक व्यक्ति और खिलाड़ी के रूप में खुद को साबित करना पड़ता है. वह अक्सर सोशल मीडिया पर नफरत का शिकार हो जाते हैं, एक ऐसी सच्चाई जिसके साथ उन्होंने जीना सीख लिया है. शमी इस बात से नाराज हैं कि भारत-पाकिस्तान मैचों के दौरान मुस्लिमों को ट्रोल किया जाता है और रमजान के दौरान स्टेडियम में एनर्जी ड्रिंक पीने पर भला-बुरा कहा जाता है.
शमी ने किया बड़ा खुलासा
एक इंटरव्यू में शमी से पूछा गया कि वह सोशल मीडिया पर मिलने वाली नफरत से कैसे निपटते हैं. इस दौरान उन्होंने एक घटना का जिक्र किया, जब रमजान के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने के लिए उनकी कड़ी आलोचना हुई थी और उन्होंने इसका कारण बताया. न्यूज24 को दिए इंटरव्यू में शमी ने बताया कि यहां तक कि धार्मिक किताबें भी उन लोगों को छूट देती हैं जो यात्रा कर रहे हैं, देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं या ऐसी स्थिति में हैं जहां वे उपवास नहीं रख सकते हैं.
शमी ने क्या कहा?
शमी ने कहा, “हम 42 या 45 डिग्री तापमान में मैच खेल रहे होते हैं, हम खुद को समर्पित कर रहे होते हैं. हमारे कानून में भी ऐसे मामलों के लिए छूट है, अगर आप देश के लिए कुछ कर रहे हैं या यात्रा कर रहे हैं. लोगों को इन बातों को समझना चाहिए. मैं समझता हूं कि लोग दूसरों को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं, लेकिन उन्हें यह भी समझना चाहिए कि वह व्यक्ति क्या कर रहा है और किसके लिए. हमारा कानून भी हमें कुछ छूट देता है, हम इसके लिए या तो जुर्माना दे सकते हैं या बाद में इसकी भरपाई कर सकते हैं, जो मैंने किया.”
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‘अब सोशल मीडिया नहीं देखता’
तेज गेंदबाज ने यह भी बताया कि अब वह सोशल मीडिया पर लोग उनके बारे में क्या लिखते हैं, यह नहीं पढ़ते हैं, इसलिए उन्हें ट्रोलर्स की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. उनके सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स अब उनकी टीम संभालती है. उन्होंने कहा, ”यह सिर्फ इतना है कि कुछ लोग लाइमलाइट में आना चाहते हैं और चीजों को उजागर करना चाहते हैं. मैं सोशल मीडिया पर कमेंट्स कभी नहीं पढ़ता, मेरी टीम मेरे अकाउंट्स को मैनेज करती है.”
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क्यों ट्रोल होते हैं मुस्लिम क्रिकेटर?
शमी से इस दौरान यह भी पूछा गया कि जब पाकिस्तान से टीम इंडिया खेलती है तो क्या मुस्लिम क्रिकेटरों को ज्यादा निशाना बनाया जाता है? इस सवाल पर टीम इंडिया के तेज गेंदबाज ने कहा कि वह ट्रोलिंग पर ध्यान नहीं देते हैं. उन्हें एक काम दिया गया है और वह मशीन नहीं हैं. जब आप देश के लिए खेलते हैं तो ये सब भूल जाते हैं. आपका काम विकेट लेना और मैच जीतना होता है. मैं ऐसे समय में सोशल मीडिया पर नहीं जाता. वहा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों टिप्पणियां देखने को मिलती हैं. खेलने के समय ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए.