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Sagar Ganesh Templeछ सागर के 400 साल पुराने सिद्धिविनायक मंदिर में अद्भुत चमत्कार झील की खुदाई में मिली स्वयंभू गणेश प्रतिमा दोबारा रहस्यमय तरीके से बढ़ने लगी. माथे की ओर चार इंच का नया हिस्सा उभर आया.
दोबारा बढ़ने लगी गणेश प्रतिमा
पुजारी गोविंद राव आठले ने local 18 से बात करते हुए कहा कि 400 साल के बाद यह प्रतिमा दोबारा रहस्यमई ढंग से बढ़ने लगी है इस बार सीधा बढ़ने की वज़ाय माथे की तरफ से बढ़ रही है. और इस प्रतिमा में करीब चार इंच तक का हिस्सा अलग से देख सकते हैं. ऐसा क्यों हो रहा है इस पर कुछ नहीं कह सकते
मंदिर के 81 वर्षीय पुजारी गोविंद राव आठले बताते हैं कि उनका जन्म सागर में ही हुआ था 11वीं तक पढ़ाई हुई थी लेकिन इसके बाद नौकरी करने के लिए नागपुर चले गए थे बीच-बीच में भगवान की सेवा करने के लिए आते थे रिटायर होने के बाद पिछले 31 साल से यहीं पर पूरी तरह से सेवाएं दे रहे हैं. गोविंद राव के अनुसार सन 1603 में भगवान गणेश की प्रतिमा खुदाई में मिली थी 1638 में मंदिर बनकर तैयार हुआ था जिसमें उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई थी महाराष्ट्रीयन परिवारों के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. भगवान गणेश अपनी दोनों पत्नी रिद्धि सिद्धि के साथ विराजमान है
पीले कपड़े में नारियल जनेऊ सुपारी रखें
पुजारी गोविंद राव के अनुसार यहां भगवान गणेश को शुरुआत से ही सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है चमत्कारिक भगवान गणेश अपने श्रद्धालुओं की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं जिस भी भक्त की मनोकामना होती है वह पीले कपड़े में नारियल सुपारी जनेऊ सिक्का बांधकर भगवान को चढ़ाता है तो मनोकामना पूर्ण हो जाती है. साल 2016 में करीब 70 लाख की लागत से इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया पहले यह जीर्ण शीर्ण हालत में पहुंच गया था