नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा स्थित शासकीय सिविल अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की भारी कमी मरीजों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर और मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सीमित स्टाफ के चलते मरीजों को स
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अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी घंटों खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
डॉक्टरों के 6 पद लंबे समय से खाली
100 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। नियमों के अनुसार यहां 11 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 5 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। इनमें 3 पुरुष और 2 महिला मेडिकल ऑफिसर शामिल हैं, जिनके कंधों पर ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक की जिम्मेदारी है। डॉक्टरों के 6 पद लंबे समय से खाली पड़े हैं।
इस स्टाफ की कमी का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। समय पर इलाज न मिलने से कई मरीज मजबूर होकर महंगे निजी अस्पतालों में जा रहे हैं, जहां उन्हें भारी-भरकम बिलों का भुगतान करना पड़ रहा है।

वायरल फीवर का प्रकोप
लगातार बारिश और उमस भरे मौसम ने वायरल फीवर और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया है। अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें खासतौर पर बच्चों में वायरल बुखार के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
डॉक्टरों के साथ-साथ खून जांच लैब और अन्य कर्मचारियों की भी कमी है, जिससे मौजूदा स्टाफ को तय समय से अधिक काम करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि क्षेत्र की बड़ी आबादी के लिए यही एकमात्र सरकारी अस्पताल है और यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की यह स्थिति चिंताजनक है। लोगों ने जल्द से जल्द रिक्त पदों पर डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की है, ताकि आम जनता को बेहतर और समय पर इलाज मिल सके।