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Kaveri Dhimar Navy Officer Story: खंडवा की कावेरी ढीमर ने गरीबी और संघर्ष को मात देकर इंडियन नेवी में अफसर बनकर देश का नाम रोशन किया, जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी…
कावेरी का बचपन बेहद कठिनाइयों से भरा था. उनके पिता रणछोड़ ढीमर मछलियां पकड़कर परिवार का गुजारा करते थे. घर पर कर्ज चढ़ गया तो तीनों बहनों ने पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया. वे नाव चलातीं, जाल बिछातीं और मछलियां पकड़कर बेचतीं. इन्हीं संघर्षों के बीच कावेरी का पानी से गहरा रिश्ता बना और धीरे-धीरे उनके भीतर तैराक बनने का सपना पनपने लगा.
राष्ट्रीय स्तर पर कावेरी का दबदबा
राष्ट्रीय स्तर पर कावेरी का दबदबा और भी बड़ा है. अब तक वे पैंतालीस गोल्ड, छह सिल्वर और तीस ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. 36वीं, 37वीं और 38वीं नेशनल गेम्स में भी उन्होंने स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए. स्कूल और ओपन नेशनल चैंपियनशिप में तो वे कई बार गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. उनकी इस मेहनत और उपलब्धियों को देखते हुए इंडियन नेवी ने उन्हें खेल कोटे से चयनित किया. जब वे अफसर बनकर गांव लौटीं, तो ग्रामीणों ने ढोल-ढमाकों के साथ उनका स्वागत किया. माता-पिता की आंखों में गर्व के आंसू थे. पिता बोले- यह वही बेटी है जो कभी मेरे साथ नाव चलाकर मछलियां पकड़ा करती थी और आज देश की सेवा में जुट गई है.
सोशल मीडिया वीडियो से बदली किस्मत
कावेरी का कहना है कि अगर सोशल मीडिया पर मेरा वीडियो वायरल न होता तो शायद मैं कभी यहां तक नहीं पहुंच पाती. मेरे माता-पिता ने कठिनाइयों के बावजूद मुझे आगे बढ़ने दिया, मैं हमेशा उनकी आभारी हूं.
आज कावेरी भारतीय नौसेना में अफसर हैं और एक इंटरनेशनल मेडलिस्ट भी. उनका कहना है कि संघर्ष से हार मानने के बजाय उसे सीढ़ी बनाना चाहिए. नर्मदा की लहरों से निकली यह बेटी आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across … और पढ़ें