खजुराहो का इकलौता मंदिर, जहां विराजमान हैं भगवान विष्णु का वामन अवतार, नक्काशी और स्थापत्य कला की अनोखी मिसाल

खजुराहो का इकलौता मंदिर, जहां विराजमान हैं भगवान विष्णु का वामन अवतार, नक्काशी और स्थापत्य कला की अनोखी मिसाल


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Vaman Temple Khajuraho: खजुराहो का वामन मंदिर भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन को समर्पित है, जो अपनी अद्भुत नक्काशी और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. लगभग 1000 साल पुराना यह मंदिर चंदेल राजाओं द्वारा बनवाया…और पढ़ें

Vaman Temple Khajuraho. छतरपुर जिले का खजुराहो जो अपने मंदिरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां ऐसे तमाम मंदिर हैं जिसे देखने के लिए विदेश से लोग आते हैं. यहां एक ऐसा ही मंदिर वामन मंदिर है. वामन मंदिर को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का पांचवां अवतार बताया गया है. यह मंदिर अपनी नक्काशी के लिए जाना जाता है. मंदिर में भगवान विष्णु की एक विशाल प्रतिमा है, जिसके चारों ओर भगवान विष्णु के अवतारों की कलाकृतियां बनी हैं.

लगभग हजार साल पुराना है मंदिर
स्थापत्य एवं प्रतिमा निर्माण शैली के आधार पर इस मंदिर का निर्माण लगभग 1050-1075 ईस्वी में किया गया था. मंदिर का निर्माण भले ही एक हजार साल पहले हुआ था लेकिन आज भी ये अपनी अनोखी बनावट के लिए जाना जाता है. वामन मंदिर खजुराहो के प्रमुख मंदिरों में से एक है. मंदिर कि प्रतिमा खंडित होने कि वजह से पूजी नहीं जाती है.

गाइड ने दी मंदिर की जानकारी 
खजुराहो के गाइड बृजेश मिश्रा बताते हैं कि दुनिया में कहीं पर भी वामन मंदिर जैसा दूसरा मंदिर मौजूद नहीं है , जहां भगवान विष्णु के इतने अवतारों को दिखाया गया हो. साथ ही मंदिर के गर्भगृह में देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि यहां पानी ही पानी भरा है. इस मंदिर का निर्माण भी चंदेल राजाओं ने 1 हजार साल पहले कराया था. ये मंदिर खजुराहो के पूर्वी मंदिर में आता है.साथ ही खजुराहो का यह पहला मंदिर है जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है. क्योंकि मंदिर का मुख्य द्वार साइड व्यू से शुरू होता है.

खजुराहो में भगवान विष्णु का वामन अवतार
वामन मंदिर खजुराहो में मौजूद तमाम मंदिरों में अपनी एक अलग पहचान बनाया हुआ है. यही वजह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इस मंदिर में जरूर आते हैं. मंदिर को बेहतर करने के लिए पुरातत्व विभाग भी वहां मौजूद खंडित प्रतिमाओं की देखरेख कर रहा है.

ऐसी ही बनावट 
भगवान विष्णु के वामन अवतार के इस मंदिर के भू-विन्यास में सप्तरथ, गर्भगृह, अंतराल, मंडप तथा मुखमंडप है. इसका गर्भगृह निरंधार है तथा इसमें चतुर्भुजी वामन की प्रतिमा स्थापित की हुई है. जिनके बाईं ओर चक्रपुरुष एवं दाईं ओर शंखपुरुष का अंकन हैं.

मंदिर के गर्भगृह के प्रवेश द्वार सप्तशाखाओं से अलंकृत हैं जो क्रमशः लता, पुष्प, नृत्यरत गण, मिथुन, कमल, पुरुष, कुंडली युक्त नाग की आकृती से सुसज्जित है. प्रवेश द्वार के निचले स्त्री परिचर एवं द्वारपाल सहित गंगा और यमुना को त्रिभंग मुद्रा में दिखाया गया है, जो हाथों में कलश तथा मालायें लिए हुये हैं. सरदल के मध्य भाग में चतुर्भुज विष्णु तथा दोनों ओर आलों में ब्रह्मा और शिव को प्रदर्शित किया गया है. मंदिर के मध्य बाह्य भाग में प्रतिमाओं की दो पंक्तियाँ हैं जिनमें मुख्य आकषर्ण सूरा सुंदरियों की प्रतिमायें लगी हुई हैं.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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