जबलपुर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में हंगामा: 11 में से 9 प्रस्ताव पास, विपक्ष ने टैक्स वसूली और सफाई व्यवस्था पर उठाए सवाल – Jabalpur News

जबलपुर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में हंगामा:  11 में से 9 प्रस्ताव पास, विपक्ष ने टैक्स वसूली और सफाई व्यवस्था पर उठाए सवाल – Jabalpur News


जबलपुर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक दो दिन चली।

जबलपुर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में शुक्रवार को देर शाम तक जमकर हंगामा हुआ। दो दिन चली इस बैठक में 11 विषयों पर चर्चा की गई। जिनमें से 9 को सर्वसम्मति से पारित किया गया। मेयर जगत बहादुर सिंह ‘अन्नू’ ने बताया कि विपक्ष ने धारा 30 के तहत बैठक बुल

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हालांकि, बैठक के दौरान सदन की मर्यादा का उल्लंघन भी हुआ और पार्षदों ने अमर्यादित शब्दों का भी प्रयोग किया। मेयर ने दावा किया कि ₹1500 करोड़ के कार्यों पर चर्चा हुई है और आने वाले समय में ₹350 करोड़ की लागत से विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे जबलपुर मध्यप्रदेश का सबसे बेहतर शहर बनेगा।

वहीं, कांग्रेस पार्षद अवनीश मिश्रा ने बैठक में उठाए गए मुद्दों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पिछले 6-8 महीनों से सभी तरह के टैक्स जमा होना बंद हो गए हैं, जिससे नगर निगम का काम ठप पड़ा है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि “ट्रिपल इंजन की सरकार” होने के बावजूद ठेकेदारों को उनके बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे वे काम करने में असमर्थ हैं। उन्होंने बताया कि ‘डस्ट-टू-डस्ट’ टैक्स का भुगतान करने के बावजूद, कचरा वाहन रोजाना घरों तक नहीं आ रहे हैं, जिससे जनता को परेशानी हो रही है।

दो दिन चली इस बैठक में 11 विषयों पर चर्चा हुई। जिनमें से 9 को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

कांग्रेस पार्षद ने कहा- मूलभूत समस्याओं पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

अवनीश मिश्रा ने मेयर पर सिर्फ बड़े-बड़े इवेंट करने का आरोप लगाया और कहा कि वे शहर की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने पुरानी व्यवस्था का भी जिक्र किया, जिसमें लोग 30 सितंबर तक टैक्स भरकर ₹500 की छूट पाते थे, लेकिन अब अधिकारी समय पर टैक्स जमा कराने में असमर्थ हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम सिर्फ दिखावे के लिए काम करता है, खासकर जब स्वच्छता अभियान की टीम आती है। मिश्रा ने चेतावनी दी है कि अगर मंगलवार तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो कांग्रेस पार्षद दल सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। यह नगर निगम के अंदर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।



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