कहीं 11 किलो चांदी तो कहीं मिट्टी से बने भगवान गणेश, यहां भक्त चढ़ाते चांदी

कहीं 11 किलो चांदी तो कहीं मिट्टी से बने भगवान गणेश, यहां भक्त चढ़ाते चांदी


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Burhanpur News: भगवान गणेश की यह मूर्ति 11 किलो चांदी की बनी हुई है. इसकी कीमत करीब 10 लाख रुपये है. जब भी किसी श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है, तो वह यहां आकर चांदी चढ़ाता है. इसी चांदी से हर वर्ष इस प्रतिम…और पढ़ें

बुरहानपुर. महाराष्ट्र से लगे हुए मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में भी गणेश उत्सव की धूम देखने को मिल रही है. कहीं पर चांदी से निर्मित भगवान गणेश की प्रतिमा, तो कहीं पर मिट्टी से निर्मित गणपति महाराज की प्रतिमा अनेक रूपों में सार्वजनिक पंडालों में विराजमान की गई है. ये प्रतिमाएं लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. लोग अपने परिवार के साथ इन प्रतिमाओं को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी प्रतिमाओं के बारे में बताते हैं कि जो जिले में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.

लोकल 18 की टीम एक समिति के अमोल भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि बुरहानपुर जिला महाराष्ट्र से लगा हुआ है. यहां पर गणेश उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. राजपुरा में श्री स्वामी विवेकानंद गणेश को समिति की ओर से खजराना गणेश जी के रूप में भगवान श्रीगणेश की स्थापना की गई है, तो वहीं प्रतापपुरा क्षेत्र में भैरव गणेश मंडल की ओर से मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई है. प्रतापपुरा क्षेत्र में गो रक्षण सेना समिति की ओर से भगवान जगन्नाथ के रूप में प्रतिमा की स्थापना की गई है, तो वहीं शिकारपुरा क्षेत्र में भगवान विट्ठल के रूप में प्रतिमा बैठाई गई है. ये प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. लोग बप्पा की सुंदर प्रतिमाओं को देखने के लिए आ रहे हैं.

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11 किलो चांदी के भगवान गणेश
बुरहानपुर जिले के नयामतपुरा क्षेत्र में बप्पा की एक दो फीट की प्रतिमा है, जिसकी कीमत लाखों रुपये है. समिति के गौरव महाजन और दौलत महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि भगवान गणेश की यह प्रतिमा 11 किलो चांदी की बनी हुई है. इसकी कीमत करीब 10 लाख रुपये है. जब भी किसी भक्त की मन्नत पूरी होती है, तो वह यहां पर चांदी चढ़ाता है. इसी चांदी से हर साल इस प्रतिमा में बढ़ोतरी की जाती है. सबसे पहले यह प्रतिमा एक किलो चांदी की बैठाई गई थी. 30 साल में इस प्रतिमा का वजन 11 किलो के करीब हो गया है. समिति के लोग रातभर इस प्रतिमा के आसपास पहरा देते हैं. सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाती है. यह जिले में सार्वजनिक पंडालों में बिठाई जाने वाली प्रतिमाओं में सबसे महंगी प्रतिमा है.

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