प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प भी हुई थी।
गुना शहर के अल्फा इंग्लिश स्कूल के प्रिंसिपल पर छात्र से मारपीट के आरोप में FIR दर्ज की गई है। 25 अगस्त को कक्षा 9 के छात्र के साथ मारपीट की गई थी। 26 अगस्त को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्कूल में प्रदर्शन किया था। साथ ही प्रशासन को 7 दिन में का
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मिली जानकारी के अनुसार स्टूडेंट अल्फा इंग्लिश स्कूल में कक्षा 9 का छात्र है। 25 अगस्त को वह रोजाना की तरह स्कूल गया। इसके बाद प्रिंसिपल ने उसे घर बुलाया। प्रिंसिपल के घर पर ही छात्र से मारपीट के आरोप लगाए गए हैं।
छात्र के परिवार वाले शाम को कोतवाली पहुंचे और शिकायती आवेदन दिया। इसके बाद 26 अगस्त की सुबह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मारपीट का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता एकत्रित होकर स्कूल पहुंचे। यहां वे मुख्य दरवाजे को खोलकर अंदर घुस गए। उन्होंने स्कूल प्रांगण में जमकर नारेबाजी की। वे SDM और प्राचार्य को बुलाने पर अड़े रहे।
इसी दौरान पुलिस से उनकी झूमझटकी भी हुई। किसी तरह मामला शांत हुआ। कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल के चैंबर में घुसने की कोशिश भी की। हालांकि, चैंबर का गेट बंद था। वे अंदर नहीं घुस पाए। कुछ देर बाद तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाइश दी। इसके बाद प्रदर्शन समाप्त किया गया। कार्यकर्ताओं ने सात दिन का अल्टीमेटम दिया है कि अगर सात दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो फिर प्रदर्शन किया जाएगा।
स्कूल में प्रदर्शन करते विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता।
कोतवाली में प्रिंसिपल पर FIR दर्ज
घटना के सात दिन बात कोतवाली थाने में प्रिंसिपल जॉय वर्गिस के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। छात्र की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। FIR में छात्र ने बताया कि दोपहर करीब 1 बजे की बात है. मैं स्कूल में था। तभी मेरे साथ पढने वाले छात्र ने मुझे बताया कि प्रिंसीपल सर जॉय वर्गिस ने तुझे स्कूल के मेन गेट के बाहर बुलाया है। तभी मैं मेन गेट के बाहर गया तो प्रिंसीपल सर मिले।
प्रिंसिपल सर ने मुझसे घर चलने की कहा, तब में प्रिंसिपल सर के साथ उनके घर गया। प्रिंसिपल सर ने मुझे घर में अंदर बंद कर लिया और मुझसे कहा कि तू मेरा मजाक क्यों उडाता है। तभी मैंने कहा कि आपका मजाक नहीं उडाया। इसी बात पर से प्रिंसिपल ने मारपीट की, जिससे मेरे दोनों गालों में, पीठ में मुंदी चोटें आई। मैं चिल्लाया तो प्रिसिंपल सर ने घर का दरवाजा खोल दिया। तभी मौके पर आरूष ओझा और आयुष यादव आ गये थे जिन्होंने घटना देखी है। फिर मैं घर चला गया था। घर पर जाकर घटना की जानकारी अपने पापा को दी थी।