बुरहानपुर में ताप्ती के तट पर 32 खंभों वाली ‘राजा की छतरी’, औरंगजेब ने इनके लिए बनवाई थी

बुरहानपुर में ताप्ती के तट पर 32 खंभों वाली ‘राजा की छतरी’, औरंगजेब ने इनके लिए बनवाई थी


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Burhanpur Historical Place: बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे एक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसे औरंगजेब ने बनवाया था. यह 32 खंभों पर टिकी है. जानें खासियत…

Burhanpur News: मध्य प्रदेश ऐतिहासिक धरोहरों से भरा हुआ प्रदेश है. यहां कई प्राचीन स्मारक मौजूद हैं, जिनकी अपनी-अपनी कहानियां हैं. बुरहानपुर के बोहरड़ा गांव में ताप्ती नदी के तट पर स्थित “राजा की छतरी” भी ऐसा ही एक ऐतिहासिक स्मारक है. पत्थरों से निर्मित यह छतरी अपने अनोखे आकार और कलाकृतियों के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

इतिहास से जुड़ी कहानी
इतिहासकार डॉ. वैद्य सुभाष माने बताते हैं कि यह छतरी औरंगजेब के समय के कमांडर रहे राजा जयसिंह की स्मृति में बनाई गई थी. राजा जयसिंह का देहांत बुरहानपुर में ही हुआ था और उनके अंतिम संस्कार के बाद इस स्मारक का निर्माण औरंगजेब द्वारा कराया गया. यह छतरी कुल 32 खंभों पर टिकी हुई है और इसके चारों ओर लोहे की जालियां लगी हुई हैं.

राजस्थान की झलक
इस छतरी में राजस्थान की कलाकृतियों की झलक भी देखने को मिलती है, जो इसकी सुंदरता को और खास बनाती है. इसके कारण यह न केवल स्थानीय बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है.

ताप्ती तट का खूबसूरत नजारा
राजा की छतरी ताप्ती नदी के किनारे स्थित है, जिससे इसका नजारा और भी मनमोहक दिखाई देता है. पर्यटक अपने परिवारों के साथ यहां पहुंचते हैं और इतिहास तथा प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं.

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ताप्ती के तट पर यहां 32 खंभों वाली ‘राजा की छतरी’, औरंगजेब ने इनके लिए बनवाई



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