रीवा में तालाब चोरी? ग्रामीणों ने कराई मुनादी, रख दिया इनाम

रीवा में तालाब चोरी? ग्रामीणों ने कराई मुनादी, रख दिया इनाम


रीवा. आपने कैश, सोना-चांदी या अन्य कीमती सामान चोरी होने की बात तो जरूर सुनी होगी लेकिन मध्य प्रदेश के रीवा में तालाब ही चोरी हो गया. यह हम नहीं ग्रामीण कह रहे हैं. इसकी शिकायत भी हुई है. पहले ग्राम-पंचायत, फिर थाने, इसके बाद जनपद और फिर कलेक्टर तक. ऐसे में ग्रामीण मुनादी करवा रहे हैं, ‘हम सभी का लाडला अमृत सरोवर बांध, जिसका निर्माण शासन द्वारा करीब 25 लाख रुपये की लागत से कराया गया था, वह भी अब चोरी हो चुका है. जो भी व्यक्ति अमृत सरोवर बांध और बाकी के तालाबों को खोज निकालेगा, उसे उचित इनाम दिया जाएगा.’ ग्रामीणों का कहना है कि अमृत सरोवर सहित इलाके के कई तालाब जिनका निर्माण लाखों रुपये की लागत से किया गया, वे रातोंरात चोरी हो गए हैं. वे गांव में मुनादी करवाकर गुम तालाबों को ढूंढने वालों को उचित इनाम देने की घोषणा करवा रहे हैं.

यह मामला रीवा के पूर्वा मनीराम पंचायत और उससे लगी अमिलिया पंचायत का है. ग्रामीण इसे भ्रष्टाचार की जगह चोरी का मामला बताकर सख्त कार्रवाई चाहते हैं. उन्होंने इसकी शिकायत भी थाने में अजीबोगरीब ढंग से की है. उन्होंने पुलिस को बताया कि रात में तालाब से मछली पकड़कर आए. सुबह फिर से गए, तो तालाब कोई चोरी कर ले गया. कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, पूर्वा मनीराम पंचायत के कठौली में 24.94 लाख रुपये की लागत से अमृत सरोवर बांध का निर्माण करवाया गया था. राजस्व अभिलेख के मुताबिक, यह भूमि क्रमांक-117 पर 9 अगस्त 2023 को बनकर तैयार हुआ था.

गड़रियान टोला में बनाए गए थे दो तालाब
अमिलिया पंचायत में मिश्रीलाल पाल और सरस्वती पाल के नाम पर खेत-तालाब योजना के तहत दो तालाबों का निर्माण हुआ. 2 लाख 56 हजार रुपये की लागत से ये तालाब गड़रियान टोला में बनाए गए थे. इस हिसाब से प्रति तालाब एक लाख 28 हजार रुपये की लागत आई. खेत-तालाब योजना के तहत एक पंचायत में एक वित्तीय वर्ष में 10 लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है. बाल कुमार आदिवासी अपनी शिकायत में कहते हैं, मैं प्रतिदिन इस अमृत सरोवर बांध में मछलियां मारने के लिए आया करता था लेकिन अब यह तालाब चोरी हो गया है. कल तक इसी तालाब में मैं मछलियां पकड़ता था लेकिन अब पूरा का पूरा अमृत सरोवर ही गायब है. यही नहीं, आसपास के दो और तालाब भी गायब होने की बात मुझे पता चली है.’

25 लाख से अमृत सरोवर का निर्माण
ललित कुमार का कहना है कि यहां करीब 25 लाख रुपये की लागत से अमृत सरोवर का निर्माण हुआ था, जिसमें लबालब पानी भरा हुआ था. इसकी खूबसूरती भी देखते ही बनती थी. आश्चर्य की बात है कि यहां का तालाब रातोंरात चोरी हो गया. बांध को जो व्यक्ति खोजेगा, उसे हम उचित इनाम देंगे. इसे लेकर गांव में मुनादी भी करवाई गई है. अखिलेश सिंह ने कहा कि लाखों की लागत से निर्मित अमृत सरोवर बांध का लापता हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. न केवल अमृत सरोवर में झाड़ियां उगी नजर आ रही हैं बल्कि पास की पंचायत के अन्य दो तालाब भी गायब हो चुके हैं. आसपास की 8 से 10 पंचायतों में अगर और जांच करवा ली जाए, तो चोरी हुए तालाबों की संख्या बढ़ सकती है.

क्या है वर्तमान स्थिति?
तालाब दर्ज लेकिन मौके पर कुछ नहीं, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट में शासकीय जमीन तीन एकड़ रकवा नंबर 117 में तालाब दर्ज है लेकिन मौके पर पड़ताल के दौरान रकवा नंबर 117 में किसी भी प्रकार का कोई तालाब नहीं मिला. प्राइवेट जमीन रकबा नंबर 122 में तालाब निर्माण की पट्टिका लगी हुई थी लेकिन ग्रामीणों से पूछने पर पता चला कि यहां से एक बड़ा नाला निकलता था. ट्रैक्टर और जेसीबी की मदद से बाहर से मिट्टी खोदकर यहां लाई गई और इस नाले को बांध दिया गया था. जिसके कारण रकवा नंबर 122 में पानी इकट्ठा होने लगा और वह तालाब जैसा दिखने लगा. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ज्यादातर लोग सीधे हैं. वे न तो RTI फाइल करना जानते हैं और न ही कागजों का लेखा-जोखा समझते हैं. उन्हें जो कह दिया जाए, बस उसे सच मान लेते हैं. ऐसे में गांव के ही जागरूक लोगों द्वारा उन्हें पहले तालाब और अमृत सरोवर बांध की चोरी की जानकारी दी गई. इसके बाद मुनादी शुरू करवाई गई ताकि सब तक बराबर यह बात पहुंच जाए और सभी को इसकी जानकारी हो जाए. वहीं सब मिल-जुलकर उस अमृत सरोवर बांध सहित लापता तालाबों का पता लगाएं, जो सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी आज धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं.

क्या है अमृत सरोवर बांध योजना?
अमृत सरोवर बांध योजना जल संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसका मकसद हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर (तालाब) बनाना या उनका पुनरुद्धार करना है. इस योजना का शुभारंभ 24 अप्रैल 2022 को हुआ था. इसका लक्ष्य देशभर में 50 हजार से ज्यादा सरोवरों का निर्माण करना है. मध्य प्रदेश में इस मिशन के तहत करीब 5839 अमृत सरोवरों के निर्माण या पुनरुद्धार का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भूजल स्तर में सुधार और जल संकट से निपटने में मदद मिलती.



Source link