जबलपुर का 11 साल का जीनियस, ट्रिग्नोमेट्री के सवाल भी चुटकियों में करता हल, चाचा चौधरी से भी तेज दिमाग

जबलपुर का 11 साल का जीनियस, ट्रिग्नोमेट्री के सवाल भी चुटकियों में करता हल, चाचा चौधरी से भी तेज दिमाग


Jabalpur News: जबलपुर का एक ऐसा बच्चा जिसका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है. इसकी उम्र तो महज 11 साल ही है, लेकिन यह बच्चा 11 साल की उम्र में ही दसवीं के प्रश्नों को सॉल्व कर लेता है, मतलब साइन, कोस, थीटा को हल करना इस बच्चें के लिए बाए हाथ का खेल है. यदि आप इस बच्चे से मुलाकात कर लेंगे, तब आपका माथा भी बच्चे के टैलेंट को देखकर घूम जाएगा.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाले मैच 11 साल के आरव सिंह की. जिनका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है भले ही इनकी उम्र महज 11 साल है, लेकिन 11 साल की उम्र में ही नौवीं क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं नौवीं क्लास में रहकर अब दसवीं के भी गणित के प्रश्नों को चुटकियों में हल कर लेता है.

मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस में महारथी
आरव ने बताया कि मैथ्स साइंस और सोशल साइंस फेवरेट सब्जेक्ट है. सारे सब्जेक्ट के सिलेबस के प्रश्न आसानी से बन जाते हैं. उन्होंने बताया कि मेरी उम्र महज 11 साल है. मुझे नौवीं का एग्जाम देना था. जिसके बाद दसवीं में रजिस्ट्रेशन होता, लेकिन उम्र कम होने के कारण मेरा रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया और मुझे नौवीं क्लास की परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. पिताजी मामले को लेकर कोर्ट चले गए. मेरे पास कोई चारा नहीं था. इसी दौरान मैंने अप्रैल से लेकर जुलाई महीने तक दसवीं के सिलेबस को भी लगभग पूरा कर लिया.

कोर्ट में चला केस, तब बेटे ने बनाया यूट्यूब चैनल
उन्होंने बताया कि इस दौरान यूट्यूब से पढ़ाई भी की और दसवीं का अधिकांश सिलेबस पूरा किया. फिर खुद यूट्यूब में एक चैनल भी बनाया. मैथ्स के त्रिकोणमिति सहित साइंस के क्वेश्चन को आसानी से बच्चों को समझाते हुए चैनल में डालना शुरू किया. जिसके बाद करीब 1000 फॉलोअर्स यूट्यूब में आ गए. इतना ही नहीं बच्चे भी कोचिंग आने लगे, जिन्हें पढ़ाने का काम करता हूं. मतलब 11 साल के आरव नौवीं क्लास के बच्चों को भी घर में कोचिंग पढ़ाने का काम करते हैं.

रिपोर्टर के हर जवाब का दिया सही जवाब
जब टीन ने आरव से न्यूटन के तीनों लॉ पूछे तो उन्होंने एक झटके में ही तीनों न्यूटन के नियमों को बारीकी से समझाया. आरव से जब पूछा गया पहाड़े कहां तक बनते हैं, तब आरव ने 25 तक पहाड़े आसानी से बन जाते हैं, जहां 24 का पहाड़ा आरव ने फटाफट सुना दिया.

IAS और IPS का मतलब बताया, सिलेक्शन प्रोसेस भी बताई
जब आरव से IAS और आईपीएस का फुल फॉर्म होने के साथ ही किस तरीके से IAS और आईपीएस बनते हैं  पूछा गया तब आरव ने आईपीएस और IAS का फुल फॉर्म इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस और आईपीएस का फुल फॉर्म इंडियन पुलिस सर्विस बताया. उन्होंने बताया आईएएस ऑफिसर को एक पूरा जिला या डिपार्टमेंट मिलता है, जो पूरे जिले को संभालने का काम करता है. आईएएस बनने के लिए यूपीएससी का एग्जाम देना होता है, जहां पहले प्री फिर मेन्स और फिर इंटरव्यू क्वालीफाई करना होता है.

बोर्ड में हल कर दिया ट्रिग्नोमेट्री का क्वेश्चन 
जब 10th की बुक से रिपोर्टर ने ट्रिग्नोमेट्री का क्वेश्चन हल करने दिया, तब 2 मिनट में ही आरव ने ट्रिग्नोमेट्री का क्वेश्चन बोर्ड में हल कर दिया. यह क्वेश्चन आसान नहीं था, इस प्रश्न को हल करने में दसवीं के स्टूडेंट का भी पसीना छूट जाता है. लेकिन नौवीं क्लास के आरव ने महज 11 साल की उम्र में दसवीं के प्रश्नों को आसानी से सॉल्व कर दिया. हालांकि उम्र कम होने के कारण गौरव को दसवीं क्लास में बैठने नहीं मिल रहा है, जिसके चलते आरव हताश और निराशा है.



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