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ढोढर से श्यामपुर तक बनने वाली नहर रोड का निर्माण अब पटरी पर लौटने की उम्मीद है। सड़क के बीच में खड़े बिजली के खंभों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया पर अधिकारियों की आपसी सहमति बन चुकी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जीएम सतेंद्र चौहान ने बताया कि बारिश थमते ही बिजली खंभों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिसके बाद सड़क निर्माण को पूरा कराया जाएगा।
करीब चार साल से अधूरी पड़ी इस रोड से 20 से अधिक गांव सीधे तौर पर जुड़ेंगे। सड़क तैयार होने पर न सिर्फ श्योपुर और मुरैना के बीच की दूरी 50 किमी तक कम हो जाएगी बल्कि रात्रि के समय सुरक्षित सफर का विकल्प भी लोगों को मिलेगा। इस मार्ग पर अभी लगभग 60 खंभे सड़क के बीच में बाधा बने हुए हैं। पहले टेंडर और बढ़े इस्टीमेट को लेकर मामला अटक गया था, लेकिन अब नया टेंडर बुलाया जा चुका है। अधिकारियों का कहना है कि पोल हटते ही कच्चे हिस्से और अधूरी पुलियाओं का काम तेजी से शुरू होगा।
दो लाख की आबादी को सीधा लाभ होगा यह सड़क बन जाने से न केवल आवागमन सुगम होगा बल्कि आसपास के 50 गांवों की करीब दो लाख आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। फिलहाल ग्रामीणों को श्योपुर से मुरैना जिले के सबलगढ़ तक पहुंचने के लिए नेशनल हाइवे 552 का लंबा रास्ता तय करना पड़ता है, जो भी फिलहाल टाइगर चीता कॉरिडोर के चलते लटक गया है। ऐसे में यह रोड बन जाने पर लोगों को श्योपुर से सबलगढ़ तक जाने के लिए वैकल्पिक और सुरक्षित मार्ग मिलेगा।