Rewa: कभी देश-विदेश तक मशहूर था रीवा का ये पान, फिर अचानक गुमनामी की राह…

Rewa: कभी देश-विदेश तक मशहूर था रीवा का ये पान, फिर अचानक गुमनामी की राह…


Last Updated:

Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कभी महसांव का बंगला पान काफी मशहूर था. इस पान के स्वाद से केवल देश के लोग ही परिचित नहीं थे. बल्कि पाकिस्तान, श्रीलंका सहित कई देशों के लोग तो इसके मुरीद थे.

Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कभी महसांव का बंगला पान काफी मशहूर था. इस पान के स्वाद से केवल देश के लोग ही परिचित नहीं थे. बल्कि पाकिस्तान, श्रीलंका सहित कई देशों के लोग तो इसके मुरीद थे. मंहसांव गांव का बगला पान सिर्फ रीवा रियासत के महाराजओं को ही नहीं बल्कि लखनऊ के नवाबों का भी पहली पसंद हुआ करता था. विंध्य आने वाले लगभग सभी बादशाहों को बगला पान अपने स्वाद का दिवाना बना लेता था. हमेशा शाही भोजन के बाद शाही पान के रूप मे रीवा रियासत के महाराजाओं के दरबार में परोसा जाता था.

रीवा के बांग्ला पान को राजा पान भी कहा जाता था क्यों रीवा के राजाओं के अलवा ये लखनऊ, ग्वालियर के नवाबों की पसंद हुआ करता था. राजशाही खत्म हुई तो राज दरबार से इस पान का शौक उतर गया. लेकिन इसकी खासियत है कि इसकी पत्तियां मीठी मुलायम होती हैं मुंह में जाने के बाद ये पान घुल जाता है. रीवा के बांग्ला पान की तीन बारायटी होती है.

रीवा जिले के ग्राम मंहसांव सहित आसपास के गांव में एक दौर ऐसा था. जब घर-घर में पान की खेती हुआ करती थी. यहां के चौरसिया समाज के किसानों का यह पुश्तैनी धंधा हुआ करता था. जो उन्हें विरासत में मिलता था. यहां का बंगला और जैसवारी पान विश्वप्रसिद्ध पान हुआ करता था. जो लोगों की पहली पसंद था. यहां लोग बड़े शौक से इसे खाते थे. ये पान भारत के कोने-कोने में तो बिकता ही था. उसके आलावा पाकिस्तान, श्रीलंका सहित और कई देशों में भी लोगों के मुंह का स्वाद बढ़ाता था. यहां के किसानों के पान की खेती से घर चलता था. वही इन किसानों का मुख्य धंधा था.

नवाबों की पहली पसंद
पान की दुकान चलाने वाले राजकुमार चौरसिया के मुताबिक कुछ सालों पहले तक रीवा से पान के पत्तों की सप्लाई कई देशों में होती थी. इससे पान की खेती से जुड़े लोगों को अच्छा खासा मुनाफा होता था. वह आसानी से अपना घर परिवार चला लेते थे. लेकिन गुटखा और पान मसाला के चलन में ये पान कंही खो से गए. इनकी पूछपरख कम हो गई. इसमें लगातार हो रहे घाटे के चलते पान की खेती करने वाले किसानों के पास रोजगार का भी संकट आ खड़ा हुआ है. जिससे इसकी खेती करने वाले किसान काफी दुखी हैं.

किसानों का घर चलाना हुआ मुश्किल
कुछ किसान पान की खेती को बचाए रखने के लिए इसमें लगातार आ रहे घाटे के बावजूद भी खेती कर रहे हैं. एक समय था, जब पान की खेती करने वाले किसानों को पान की खेती से काफी फायदा होता था. इसी से वो बच्चों का लालनपालन और पढाई-लिखाई सहित पूरा घर चलाते थे. लेकिन अब ये हालात है कि इससे बच्चों की पढाई तो दूर किसी तरह से उनका घर चलाना मुश्कील हो रहा है.

न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh

Rewa: कभी देश-विदेश तक मशहूर था रीवा का ये पान, फिर अचानक गुमनामी की राह…



Source link