शिवपुरी जिला मुख्यालय पर मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में दो गंभीर मामलों ने प्रशासन का ध्यान खींचा। एक ओर नागरिकों ने जर्जर सड़कों पर टोल टैक्स वसूली को अन्यायपूर्ण बताया, तो दूसरी ओर दिनारा के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में करोड़ों रुपए के घोटाल
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दोनों मामलों में शिकायतकर्ताओं ने खुलकर अपनी बात रखी और त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा जताई।
खराब सड़कों पर टोल वसूली से नाराजगी
कृष्णपुरम कॉलोनी निवासी अभिनंदन जैन ने जनसुनवाई में बताया कि पूरनखेड़ी टोल प्लाजा से मुढ़खेड़ा टोल प्लाजा तक की करीब 60 किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शिवपुरी बायपास एकतरफा (वन वे) हो चुका है और खूबत घाटी पुल पर तो सड़क तक गायब है। इसके बावजूद वाहन चालकों से नियमित रूप से टोल वसूला जा रहा है, जो जनहित के खिलाफ है।
अभिनंदन जैन ने मांग की कि जब तक सड़क की मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य पूरा नहीं होता, तब तक टोल वसूली पर रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह स्थिति न केवल आर्थिक अन्याय है, बल्कि आमजन की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है।
छात्रावास में करोड़ों का घोटाला, कार्रवाई अधूरी
वहीं, दिनारा निवासी ब्रजपाल यादव ने जनसुनवाई में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में हुए कथित वित्तीय घोटाले का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि छात्रावास की अधीक्षका शकुंतला यादव ने फर्जी फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपए की शासकीय राशि ट्रांसफर की। मामले की जांच के बाद अधीक्षिका को निलंबित कर दिया गया, लेकिन घोटाले में शामिल फर्जी फर्म संचालकों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
ब्रजपाल यादव ने प्रशासन से सवाल किया कि जब नगर पालिका में फर्जी बिल घोटाले पर तत्काल एफआईआर हो सकती है और आरोपी पर इनाम घोषित किया जा सकता है, तो शिक्षा विभाग के इस गंभीर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई क्यों लंबित है? उन्होंने जांच प्रक्रिया में तेजी लाने और सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
जनसुनवाई में दिखा लोगों का आक्रोश
इन दोनों मामलों को लेकर जनसुनवाई में मौजूद लोगों में नाराज़गी देखने को मिली। शिकायतकर्ताओं ने प्रशासन से निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आमजन का विश्वास शासन-प्रशासन से उठ जाएगा।