पाप करने की वजह है लोभ, इसे त्यागने से ही आत्मा होगी पवित्र – Bhopal News

पाप करने की वजह है लोभ, इसे त्यागने से ही आत्मा होगी पवित्र – Bhopal News



बाह्य स्नान से केवल शरीर पवित्र हो सकता है, लेकिन आत्मा की पवित्रता लोभ त्यागने से ही संभव है। मनुष्य लोभ के कारण ही सभी पाप करता है। आवश्यकताएं सीमित हैं, पर इच्छाएं अनंत। आदमी का पेट तो भर सकता है, पर पेटी कभी नहीं भरती।

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यह प्रवचन दशलक्षण धर्म के अवसर पर साकेत नगर जैन मंदिर में पं. अरविंद शास्त्री ने दिया। यहां संगीतमय कल्याण मंदिर विधान, भजन प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

अवधपुरी विद्या प्रमाण गुरुकुलम में मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि हम भोगों के पीछे भागते हैं और भोक्ता की उपेक्षा करते हैं। दृश्य की नहीं, दृष्टा की तरफ देखो। अनुभव को नहीं, अनुभोक्ता को पकड़ो, वही सत्य है। उन्होंने कहा कि सत्य अनुभूति का विषय है, यह साधना है। सिद्ध और अरिहंत का नाम सत्य है। हम सत्य की बातें करते हैं, लेकिन मृत्यु तक असत्य के मोह में उलझे रहते हैं। सत्य यही है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है। बुधवार को धूप दशमी पर वे ‘गुणायतन’ के संदर्भ में विशेष प्रवचन देंगे।

अशोका गार्डन जैन मंदिर में मुनि उपाध्याय विशोक सागर महाराज और मुनि विनीबोध सागर महाराज के सानिध्य में धार्मिक अनुष्ठान हुए। अशोक जैन ने बताया कि यहां शिक्षाप्रद सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटक का मंचन हुआ।



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