बीएल संतोष बंद कमरों में बीजेपी नेताओं से मिले: वीडी,नरोत्तम, रीति पाठक से अलग-अलग की चर्चा; उज्जैन के किसानों ने बीजेपी ऑफिस में की नारेबाजी – Bhopal News

बीएल संतोष बंद कमरों में बीजेपी नेताओं से मिले:  वीडी,नरोत्तम, रीति पाठक से अलग-अलग की चर्चा; उज्जैन के किसानों ने बीजेपी ऑफिस में की नारेबाजी – Bhopal News


बीजेपी ऑफिस में उज्जैन के किसानों ने की नारेबाजी।

बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने सोमवार को भोपाल में सरकार और संगठन को लेकर कई मंत्रियों, विधायकों और नेताओं से बंद कमरे में मुलाकात कर फीडबैक लिया।

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सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात के साथ-साथ संघ और पार्टी बैठकों में भी उन्होंने हिस्सा लिया। इसी दौरान उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड हाईवे प्रोजेक्ट से नाराज करीब 50 किसान भी बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंच गए और बी.एल. संतोष से मिलने की कोशिश की, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी।

मुलाकात न होने से नाराज किसानों ने पार्टी दफ्तर में ही ‘एमपीआरडीसी मुर्दाबाद’ और ‘किसान एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए, जिस पर पार्टी पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई और उन्हें संयम बरतने की सलाह दी।

बंद कमरे में विधायकों और नेताओं से मिले सेवा पखवाड़े की बैठक के बाद बीएल संतोष ने पूर्व गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की। इसके बाद सीधी विधायक रीति पाठक, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से अलग-अलग चर्चा की।

बीएल संतोष ने आरएसएस और किसान संघ के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि इस चर्चा के दौरान उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों के स्थायी अधिग्रहण के मुद्दे पर जानकारी ली है।

इन नेताओं से बीएल संतोष ने मुलाकात की।

ये नेता भी पहुंचे लेकिन, नहीं हो पाई मुलाकात बीएल संतोष से मिलने के लिए आलोट विधायक डॉ चिंतामणि मालवीय, शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे, छिंदवाड़ा सांसद बंटी साहू भी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।

ओमप्रकाश धुर्वे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के पास स्थानीय मुद्दों के दस्तावेज लेकर पहुंचे थे। वहीं, चिंतामणि मालवीय की करीब 40 मिनट तक इंतजार करने के बाद भी बीएल संतोष से मुलाकात नहीं हो पाई। शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन, मंत्री दिलीप जायसवाल, पशुपालन मंत्री लखन पटेल भी बीजेपी ऑफिस पहुंचे।

उज्जैन के किसानों ने बीजेपी ऑफिस में की नारेबाजी बीएल संतोष जब नेताओं, विधायकों से मुलाकात कर रहे थे। उसी दौरान उज्जैन से करीब 50 किसान भी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच गए। किसानों की बीएल संतोष से मुलाकात नहीं हो पाई। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को अपनी समस्या बताई।

किसानों ने प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद बीजेपी ऑफिस के हॉल में ही नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा- किसान एकता जिंदाबाद, एमपीआरडीसी मुर्दाबाद। इस पर प्रदेश महामंत्री और विधायक भगवानदास सबनानी ने आपत्ति जताई और कहा कि आपकी प्रदेश अध्यक्ष जी से चर्चा हो गई है तो पार्टी के दफ्तर में नारेबाजी करना ठीक नहीं।

उज्जैन के किसानों ने बीजेपी ऑफिस में की नारेबाजी।

उज्जैन के किसानों ने बीजेपी ऑफिस में की नारेबाजी।

उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड हाईवे प्रोजेक्ट से नाराज हैं किसान

उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को लेकर किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि वे सड़क निर्माण के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसके निर्माण की तकनीकी और मुआवजे को लेकर उनकी गंभीर आपत्तियां हैं।

किसान मुकेश धानक ने बताया, हम उज्जैन-जावरा के बीच के गांवों के किसान हैं। इस मुद्दे को लेकर हम विधायक, सांसद, कलेक्टर, एमपीआरडीसी सहित कई फोरम पर अपनी बात रख चुके हैं। आज प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात हुई है। लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। यदि हमारी बात नहीं सुनी गई, तो हमारे पास धरना-प्रदर्शन ही अंतिम विकल्प है।

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष भोपाल में करीब 22 घंटे रहे।

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष भोपाल में करीब 22 घंटे रहे।

16 फीट ऊंचा एक्सप्रेसवे नहीं बनाया जाए

किसान जितेन्द्र पाटीदार ने कहा, हम एक्सप्रेसवे के निर्माण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन यह 16 फीट ऊंचाई पर बनाया जा रहा है, जिससे खेतों की प्राकृतिक संरचना और रोजगार पर असर पड़ेगा। हमारी मांग है कि इसे जमीन के समतल स्तर पर बनाया जाए, ताकि किसान अपनी आजीविका चला सकें।

उन्होंने आगे कहा, यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई 8-लेन हाईवे की तर्ज पर बनाया जा रहा है, जो स्थानीय जरूरतों के हिसाब से सही नहीं है। इससे 62 गांवों के किसान प्रभावित हो रहे हैं। सरकार से अनुरोध है कि उचित मुआवजा दिया जाए और किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाए।

बीजेपी कार्यालय पहुंचे, पर नहीं मिली बात करने की अनुमति

किसानों ने बताया कि वे उज्जैन से भोपाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां वे मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश कर रहे थे। किसान बोले, सीएम हमारे गृह जिले से हैं, लेकिन हमें अब तक उनसे मिलने का समय नहीं मिल सका है। इसलिए हम बीजेपी दफ्तर आए। यहां जब हमने फोटो खिंचवाने की कोशिश की, तो पदाधिकारियों ने हमें रोक दिया।

किसानों का कहना है कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन कर सकते हैं अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया।

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