चांदी की पालकी में सवार होकर भगवान कालभैरव निकलेंगे।
उज्जैन में डोल ग्यारस के अवसर पर बुधवार शाम 4 बजे भैरवगढ़ स्थित कालभैरव मंदिर से भगवान की सवारी निकलेगी। चांदी की पालकी में सवार होकर भगवान कालभैरव निकलेंगे। परंपरा के अनुसार सबसे पहले भगवान कालभैरव की पूजन-आरती होगी, फिर उन्हें सिंधिया स्टेट की पगड़
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पुलिस के जवान सवारी को सलामी देंगे
पालकी निकलने से पहले शाम को बाबा कालभैरव का पूजन होगा। कालभैरव की पालकी मंदिर प्रांगण से निकलते समय सशस्त्र पुलिस जवान सलामी देंगे। जेल के कैदियों को भी महाकाल के सेनापति के दर्शन करने का मौका मिलेगा। यात्रा में पुलिस बल, बैंड, ढोल, ध्वज और घोड़े-बग्घी के साथ भक्त शामिल होंगे। सवारी जेल चौराहा, प्रमुख बाजार, नाका चौराहा, माणक चौक, सिद्धवट मंदिर और बृजपुरा से होकर गुजरेगी।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के सामने पहुंचने पर विशेष कार्यक्रम होगा। जेल प्रशासन पालकी में विराजित भगवान का पूजन-आरती करेगा। पुलिस बल गार्ड ऑफ ऑनर देगा। जेल के अंदर से कैदियों को भी भगवान के दर्शन कराए जाएंगे। इसके बाद सवारी शिप्रा तट स्थित सिद्धनाथ मंदिर जाएगी और अंत में कालभैरव मंदिर वापस लौटेगी।