निमाड़ क्षेत्र में सब्जियों की खेती किसानों की आय बढ़ाने का एक बड़ा जरिया है. खासकर बैंगन ऐसी सब्जी है जिसकी मांग हर मौसम में बनी रहती है. अगर किसान सही किस्म का चुनाव करें, तो कम लागत में ज्यादा पैदावार लेकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. यही कारण है कि कृषि विशेषज्ञ बैंगन की खेती को किसानों के लिए डबल मुनाफे का सौदा मानते हैं.
खेती की तैयारी
कृषि क्लीनिक खंडवा के कृषि विशेषज्ञ नवनीत रेवापाटी बताते हैं कि बैंगन की अच्छी फसल के लिए सबसे पहले ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई जरूरी है. इससे मिट्टी में छिपे पुराने कीट, प्यूपा और लार्वा तेज गर्मी में नष्ट हो जाते हैं. इसके बाद खेत में बलुई दोमट या हल्की रेतीली मिट्टी का चुनाव करना चाहिए, क्योंकि इन मिट्टियों में बैंगन की पैदावार बेहतर होती है.
बैंगन की टॉप आठ किस्में
बैंगन की कई सरकारी और प्राइवेट हाइब्रिड किस्में उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ ऐसी किस्में हैं जो सालभर हर मौसम में बोई जा सकती हैं और किसानों को लगातार मुनाफा देती हैं. इनमें प्रमुख किस्में इस प्रकार हैं –
1. पूसा HYB-5
2. पूसा HYB-6
3. स्वर्णा
4. सिंजेंटा कंपनी की हरी किस्म
5. माइको कंपनी की ग्रीन किस्म
6. वीएआर कंपनी की हर्ष किस्म
7. अंकुर कंपनी की अजय किस्म
8. अंकुर कंपनी की विजय किस्म
इसके अलावा स्थानीय मंडियों में कांटे वाली और भी कई किस्में उपलब्ध हैं, जिनकी बाजार में अच्छी मांग रहती है.
बाजार और मांग
नवनीत रेवापाटी,बताते है कि खंडवा, इंदौर, हरदा और बुरहानपुर की मंडियों में बैंगन की खपत हमेशा बनी रहती है. यहां तक कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भी निमाड़ का बैंगन भेजा जाता है. यही कारण है कि किसान बैंगन से सालभर आय प्राप्त कर पा रहे हैं.
कीट और बीमारियां
बैंगन की खेती में कीट और बीमारियों की चुनौती भी रहती है. सफेद मच्छर, तना छेदक और फल छेदक इल्ली सबसे आम कीट हैं. इनके नियंत्रण के लिए किसान कार्टाब हाइड्रोक्लोराइड, एसिटामाप्रीड जैसे दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं. बारिश के मौसम में फफूंद जनित बीमारियां भी तेजी से फैलती हैं. इसके लिए हेक्साकोनोजोल, स्ट्रेप्टोसाइक्लिन और टेबुकोनोजोल जैसे फफूंदनाशक प्रभावी माने जाते हैं.गर्मी के मौसम में बैंगन की फसल पर रेड माइट का भी हमला होता है. अगर समय रहते इसका नियंत्रण किया जाए, तो उत्पादन और गुणवत्ता दोनों सुरक्षित रहते हैं.
वैज्ञानिकों की सलाह
कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक समय-समय पर किसानों को कीट और रोग प्रबंधन से जुड़ी सलाह देते हैं. उनका कहना है कि अगर किसान एक ही कीटनाशक बार-बार न डालकर बदल-बदल कर इस्तेमाल करें, तो फसल सुरक्षित रहती है और कीट भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं कर पाते.
किसानों के लिए सुनहरा मौका
बैंगन की हाइब्रिड किस्में लगातार और अधिक उत्पादन देती हैं. यही कारण है कि यह फसल किसानों को हर सीजन में मुनाफा दिला सकती है. सही किस्म का चुनाव, सही समय पर जुताई, कीट प्रबंधन और बाजार तक पहुंच – इन चार बिंदुओं पर ध्यान देकर किसान अपनी इनकम डबल कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 3, 2025, 11:57 IST