इंदौर के सबसे बड़े सरकारी एमवाय अस्पताल (MYH) के एनआईसीयू (Neonatal Intensive Care Unit) में 2 नवजातोंं की मौत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इनमें से एक महिला धार की मंजू के नवजात की मौत मंगलवार को हुई थी। दूसरी देवास की महिला रेहाना के नवजात की मौत
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दोनों बच्चों की मौत पर कलेक्टर आशीष सिंह और अस्पताल सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने बयान दिया कि उनकी मौत चूहे के कुतरने से नहीं हुई है। उन्हें दूसरी तकलीफें थीं। रेहाना के बच्चे की मौत में परिजन की सहमति के बाद पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया है। जबकि मंजू के नवजात की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण चूहे का कुतरना नहीं है।
मंजू के नवजात का शव 2 दिनों से पोस्टमॉर्टम रूम में ही है। माता-पिता गंभीर हालत में ही बच्चे को छोड़कर चले गए थे। वे 2 दिनों बाद भी शव लेने नहीं आए हैं। मामले में पुलिस ने उनके नहीं आने से इसे ‘अज्ञात’ मान लिया था और शव पीएम के लिए भेज दिया था। तब से वह वही है।
इधर, प्रशासन के दावों के बीच दैनिक भास्कर ने मामले में तथ्य जुटाए। पता चला कि जिस मंजू के बच्चे का पोस्टमॉर्टम होने की बात कही गई है। वह हुआ ही नहीं।
जानिए पोस्टमॉर्टम को लेकर पुलिस के 2 दावे
- पहला: एमवायएच पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी नूर सिंह मौर्य ने बताया कि नवजात के शव के कागजात ‘अज्ञात’ के रूप में ही मिले हैं। गुरुवार को शव अंतिम संस्कार के लिए संस्था को सौंप दिया जाएगा। पोस्टमॉर्टम तो मंगलवार को ही हो चुका है।
- दूसरा: संयोगितागंज थाने के प्रभारी टीआई अरविंद खत्री ने देर रात फिर पुष्टि की है कि पोस्टमॉर्टम अभी नहीं हुआ है। दो-दिन में अगर पहचान नहीं होती है या परिजन नहीं आते हैं तो गुरुवार को पोस्टमॉर्टम कराकर अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
NICU में इस तरह चूहे उछल-कूद करते हैं। वे यहां रखे इंक्यूबेटर में आ जाते हैं।
तो सच क्या है, क्या झूठी जानकारी दी गई?
अब ऐसे में सवाल यह उठे रहे हैं कि पीएम हुआ भी या नहीं। बड़ा सवाल तो कलेक्टर और सुपरिटेंडेंट के बयान पर उठ रहे हैं। उन्होंने मीडिया को बयान दिया है कि बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। रिपोर्ट में मौत का कारण रेट बाइट नहीं बल्कि मल्टी अविकसित फेफड़े और अन्य ऑर्गन्स फेल्युअर हैं।
चौंकाने वाली बात यह कि दोनों नवजातों को चूहे द्वारा कुतरने और फिर बाद में मौत होने का मामला सुर्खियों में हैं। ऐसे में क्या कलेक्टर को अस्पताल के सीनियर अधिकारियों ने झूठी रिपोर्ट दी और उस आधार पर कलेक्टर ने भी यह बयान दिया है।
मामले में ‘दैनिक भास्कर ने सच्चाई जानने के लिए CMO रूम में जाकर पता लगाया। यहां वार्ड बॉय रफीक ने रजिस्टर देखकर बताया कि मंजू नामक महिला के नवजात का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। जब उसे दोबारा चेक करने का कहा तो उसने बताया कि मंगलवार को उसका शव पीएम के लिए भेज दिया गया लेकिन अभी पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ है।
संस्था एकांक्ष के प्रमुख ने कहा-अभी हमें कोई सूचना नहीं इसके आगे की सच्चाई जानने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ ने लावारिस शवों का पोस्टमॉर्टम कराने वाली संस्था एकाक्ष संस्था के प्रमुख नरेंद्र वर्मा से बात की। उन्होंने बताया कि नवजात का अंतिम संस्कार गुरुवार को 12 बजे बाद किया जाएगा। नियमों के तहत मौत के बाद 72 घंटों में अगर उसकी पहचान नहीं होती है तो उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। अभी पुलिस की ओर से अभी कोई सूचना नहीं दी गई है।
नोट: दैनिक भास्कर के पास संबंधित से बातचीत के ऑडियो और सीएमओ रूम से पोस्टमॉर्टम नहीं होने के सारे डिजिटल एविडेंस उपलब्ध हैं।
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