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Katni News: जिला उपभोक्ता फोरम ने वर्धमान अस्पताल और डॉ. ऋषि जैन को मनोज परोहा की मौत पर 52 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया, इस फैसले की पूरे प्रदेश में चर्चा है.
कटनी: जिला उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही मानते हुए एक युवक की मौत के मामले में डॉक्टर को 52 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया है. फोरम ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा इंतजामों में चूक के कारण मरीज की जान गई थी. यह कटनी का पहला ऐसा मामला है, जिसमें इतनी बड़ी राशि की सजा दी गई है, जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय है.
मामला जुलाई 2022 का है. एनकेजे के रोशननगर निवासी रामजी परोहा ने अपने बेटे मनोज परोहा को इलाज के लिए वर्धमान अस्पताल में भर्ती कराया था. 29 और 30 जुलाई की मध्यरात्रि करीब डेढ़ बजे मनोज अस्पताल की ऊपरी मंजिल से रेलिंग के पास बनी खुली जगह से नीचे गिर गया. हादसे में उसे गंभीर चोटें लगीं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी की. अगर रेलिंग और ग्रिल मजबूत होते तो हादसा टाला जा सकता था.
तीन साल बाद मिला न्याय
परिवार की ओर से अधिवक्ता भूपेश जायसवाल ने आयोग के समक्ष यही तर्क रखा. करीब तीन साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद आयोग ने सुनवाई पूरी की. फैसले में वर्धमान अस्पताल प्रबंधन और संचालक डॉ. ऋषि जैन को दोषी ठहराया गया. आयोग ने आदेश दिया कि डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन 30 दिन के भीतर मृतक के परिजनों को 52 लाख रुपये का भुगतान करें.
फैसला अस्पतालों के लिए सबक
मृतक के पिता रामजी परोहा ने कहा, “हमारी लड़ाई न्याय के लिए थी. अस्पताल की लापरवाही ने हमें अपूरणीय क्षति पहुंचाई. अब न्याय मिला है, लेकिन बेटा तो लौट नहीं सकता.” अधिवक्ता भूपेश जायसवाल ने बताया, “यह फैसला अस्पतालों के लिए सबक है. सुरक्षा में कोई कमी नहीं बरतनी चाहिए, वरना कानून सख्त कार्रवाई करेगा.”