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नारायण जगदीशन जिनको इंग्लैंड जौरे पर अंतिम टेस्ट के लिए बतौर रिजर्व विकेटकीपर जोड़ा था उनके बैट से निकली नाबाद 148 रन की पारी की बदौलत दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल के पहले दिन दक्षिण क्षेत्र ने उत्तर क्षेत्र के खिलाफ …और पढ़ें
जगदीशन ने हैदराबाद के तन्मय अग्रवाल (43) के साथ पहले विकेट के लिए 103 रन जोड़कर टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई. उन्होंने इसके बाद कर्नाटक के बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल (57) के साथ भी दूसरे विकेट के लिए 128 रन जोड़े. अंशुल कंबोज (47 रन पर एक विकेट) और आकिब नबी (बिना विकेट के 41 रन) अपने शुरुआती स्पैल के बाद कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए जबकि जगदीशन ने सभी गेंदबाजों को पूरी सहजता से खेला.
तमिलनाडु के विकेटकीपर बल्लेबाज जगदीशन को शुरुआत में जीवनदान मिला जब तेज गेंदबाज कंबोज की फुल-लेंथ गेंद पर ड्राइव लगाने की कोशिश में गेंद ने उनके बल्ले का किनारा लिया और विकेटकीपर कन्हैया वधावन ने नीचा कैच लपका लेकिन मैदानी अंपायर ने ओवरस्टेपिंग के कारण इसे नोबॉल करार दिया. जगदीशन ने 124 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने इसके बाद आक्रामक रुख अपनाते हुए अपना दूसरा अर्धशतक सिर्फ 60 गेंद में पूरा किया. इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश के बाएं हाथ के स्पिनर मयंक डागर को विशेष रूप से निशाना बनाया और उनकी 22 गेंद पर 33 रन बटोरे. इसमें दो गगनचुंबी छक्के और तीन चौके शामिल रहे.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट केल चुके देवदत्त पडिक्कल भी अच्छी लय में दिखे. पड्डीकल ने 71 गेंद पर 57 रनों का योगदान दिया, वह बड़े स्कोर की ओर बढ़ते दिख रहे थे लेकिन कंबोज की ऑफ साइड से बाहर की गेंद पर विकेटकीपर को कैच दे बैठे. उत्तर क्षेत्र की टीम के लिए जश्न मनाने का एक मौका तब आया जब अगले बल्लेबाज मोहित काले को हरियाणा के बाएं हाथ के स्पिनर निशांत सिंधु ने आउट कर दिया. जगदीशन की शतकीय पारी ने इस बात को तय कर दिया है कि ऋषभ पंत अगर फिट नहीं होते तो ईशान किशन से उपर अब तरजीह दी जाएगी.