रेत से भरे डंपर को बिना रॉयल्टी पकड़ा: खनिज इंस्पेक्टर ने लगाई साढ़े 4 लाख की पेनल्टी; कलेक्टर कोर्ट ने खारिज किया केस – Khandwa News

रेत से भरे डंपर को बिना रॉयल्टी पकड़ा:  खनिज इंस्पेक्टर ने लगाई साढ़े 4 लाख की पेनल्टी; कलेक्टर कोर्ट ने खारिज किया केस – Khandwa News


रेत के डंपर की रॉयल्टी एक्सपायर हो चुकी थी।

खंडवा शहर में तीन दिन पहले रॉयल्टी अवधि समाप्त होने के बाद भी रेत का परिवहन कर रहे डंपर को खनिज विभाग ने जब्त कर लिया। कार्रवाई के दौरान रेत कारोबारी और खनिज इंस्पेक्टर आमने-सामने आ गए।

.

विवाद उस समय और बढ़ गया जब कांग्रेस विधायक कंचन तनवे के पति मुकेश तनवे भी मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध किया। हालांकि इसके बावजूद खनिज इंस्पेक्टर ने साढ़े चार लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए केस दर्ज किया। बाद में कलेक्टर कोर्ट के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ और डंपर को छोड़ दिया गया।

डंपर छूटने के बाद रेत कारोबारियों ने विधायक के पति मुकेश तनवे का स्वागत किया।

रॉयल्टी समाप्त, फिर भी जारी था रेत का परिवहन

घटना सोमवार को सिविल लाइन क्षेत्र की है। खनिज निरीक्षक कंचन दांडेकर ने कार्रवाई करते हुए एक डंपर (MP47H7222) को रोका, जिसमें 24 घनमीटर रेत भरी हुई थी। जांच में सामने आया कि डंपर की रॉयल्टी 31 अगस्त की दोपहर 3:30 बजे तक ही वैध थी, जबकि यह डंपर 1 सितंबर की सुबह 11 बजे तक उसी रॉयल्टी पर रेत परिवहन करता पाया गया।

खनिज निरीक्षक ने इस पर कुल 4 लाख 45 हजार रुपए की पेनल्टी प्रस्तावित की—जिसमें 15 गुना रॉयल्टी जुर्माना 45 हजार और 4 लाख रुपए पर्यावरण क्षतिपूर्ति शामिल थी। इसके बाद डंपर को कोतवाली थाने में खड़ा करवा दिया गया।

खनिज इंस्पेक्टर कंचन दांडेकर ने बनाया था प्रकरण।

खनिज इंस्पेक्टर कंचन दांडेकर ने बनाया था प्रकरण।

विवाद में पहुंचे विधायक पति, फिर भी दर्ज हुआ मामला

जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, रेत कारोबारी दीपेश बिश्नोई ने तत्काल क्षेत्रीय रेत कारोबारियों के जरिए विधायक कंचन तनवे के पति मुकेश तनवे को मौके पर बुलवा लिया। मुकेश तनवे ऑटो से घटनास्थल पर पहुंचे और खनिज निरीक्षक से तीखी बहस तक हो गई।

इसके बावजूद खनिज निरीक्षक ने नियमों के तहत कार्रवाई जारी रखी और केस दर्ज कर दिया। मामला गरमाया तो वरिष्ठ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया।

डंपर मालिक ने कोर्ट में दी सफाई, पेश किए GPS साक्ष्य

डंपर मालिक दीपेश बिश्नोई ने कलेक्टर कोर्ट में जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया कि डंपर खंडवा रेत मंडी 31 अगस्त को ही निर्धारित समय में पहुंच गया था। बारिश और व्यापार में मंदी के कारण गाड़ी खाली नहीं हो सकी, इसलिए डंपर 1 सितंबर की सुबह तक वहीं खड़ा रहा।

उन्होंने अपने पक्ष में GPS लोकेशन के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि गाड़ी ने रॉयल्टी की दूसरी बार उपयोग नहीं किया, बल्कि वह पहली रॉयल्टी की समय सीमा में ही गंतव्य तक पहुंच गई थी।

कलेक्टर कोर्ट ने GPS डेटा के आधार पर डंपर को छोड़ा

कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने खनिज विभाग के प्रतिवेदन और डंपर मालिक द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का परीक्षण किया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि—

“जीपीएस डाटा से यह प्रमाणित होता है कि डंपर समय सीमा में गंतव्य तक पहुंच चुका था और पूर्व में प्राप्त रॉयल्टी का दोबारा उपयोग नहीं किया गया। ऐसे में वाहन को मुक्त किया जाता है।”

इस आदेश के बाद कोतवाली थाने में खड़ा डंपर छोड़ा गया।

रेत कारोबारियों ने विधायक पति का किया स्वागत

जैसे ही डंपर थाने से छोड़ा गया, रेत कारोबारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने विधायक पति मुकेश तनवे का माला पहनाकर स्वागत किया और उनका आभार जताया।

यह खबर भी पढ़ें…

खंडवा में बिना रॉयल्टी रेत डंपर पकड़ा, कारोबारी-इंस्पेक्टर आमने-सामने:ऑटो से विधायक पति भी पहुंचे; फोन पर कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद विवाद शांत



Source link