27% ओबीसी आरक्षण मुद्दा सुलझाने दिल्ली में वकीलों की मीटिंग: महाधिवक्ता बोले-ओबीसी वर्ग के दो वकीलों के नाम दे दें, जवाब मिला: हम अपने खर्च पर नियुक्ति कर लेंगे – Bhopal News

27% ओबीसी आरक्षण मुद्दा सुलझाने दिल्ली में वकीलों की मीटिंग:  महाधिवक्ता बोले-ओबीसी वर्ग के दो वकीलों के नाम दे दें, जवाब मिला: हम अपने खर्च पर नियुक्ति कर लेंगे – Bhopal News



दिल्ली के मप्र भवन में बैठक के बाद मौजूद वकील।

मप्र में पिछले छह सालों से सरकार और कोर्ट के बीच उलझे 27% ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुलझाने की कवायद तेजी से चल रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव की पहल पर सर्वदलीय बैठक के बाद अब दिल्ली में गुरुवार को सरकार और ओबीसी महासभा, चयनित अभ्यर्थियों के वकीलों की बैठक

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बैठक में ये वकील हुए शामिल दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में महाधिवक्ता प्रशांत सिंह के साथ हुई बैठक में सीनियर एडवोकेट और भूतपूर्व महाधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता जून चौधरी, रामेश्वर सिंह ठाकुर, वरुण ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, शशांक रतनू, हनमत लोधी, सहित शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती, पीएससी भर्ती के स्टूडेंट्स भी शामिल।

ओबीसी के 13% पदों को अनहोल्ड करने पर जोर बैठक में ओबीसी आरक्षण के प्रकरण को सुलझाने के लिए सरकार से मांग की गई कि ओबीसी के 13% होल्ड किए गए पदों को अनहोल्ड करने के लिए रणनीति तैयार की जाए। केंडिडेट्स के वकीलों ने कहा यदि आवश्यक होता है तो नियुक्ति आदेश में इंडोर्स किया जाए कि नियुक्ति न्यायालय में विचाराधीन याचिकाओं में होने वाले निर्णय के अधीन होंगे।

महाधिवक्ता बोले: दो वकील नियुक्त करेंगे महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने सरकार की तरफ से ओबीसी की पैरवी करने के लिए दो वकील नियुक्त करने की बात कही। प्रशांत सिंह ने कहा ओबीसी वर्ग के दो वकील यदि बताए जाएं तो वे सरकार की ओर से पक्ष रखने में मदद करेंगे।

ओबीसी के आरक्षण के प्रकरणों की इसी महीने में 23 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई होगी। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 10 सितंबर के पहले अधिवक्ताओं के साथ बैठने के निर्देश दिए थे ।

OBC वकील बोले: कानून पर कोई स्टे नहीं बैठक में ओबीसी वर्ग की तरफ से प्रस्ताव रखा गया कि आरक्षण कानून पर कोई स्टे नहीं है। और ओबीसी वर्ग के 13% होल्ड किए गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किए जाने की रणनीति पर चर्चा की मांग की गई। इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि आप ओबीसी वर्ग के दो वकीलों के नाम दे दीजिए। वे सुनवाई में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखने में मदद करेंगे।

बैठक में किस वकील ने क्या कहा:

  • बैठक में शामिल हुए वकील अनूप चौधरी ने कहा कि सरकार सर्वोच्च है ओबीसी आरक्षण को लागू करने के लिए न्यायालय के निर्णय की कोई आवश्यकता नहीं है ,क्योंकि कानून स्टे नहीं है इसलिए न्यायालय के आदेश की प्रतिक्षा किए बिना कानून लागू किया जा सकता है।
  • वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा आरक्षण कानून दिनांक 8 मार्च 2019 से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न अंतरिम आदेशों की ओर ध्यान दिलाते हुए बताया कि कानून स्टे नहीं है, बल्कि सरकार ने याचिका क्रमांक 18105/2021 के अंतरिम आदेश 4 अगस्त 2023 की विभिन्न भर्तियों उल्लेख किया। और कहा कि इन नियुक्तियों को 87% पर नियुक्ति देकर 13% पदों को होल्ड कर दिया गया।जबकि, यह याचिका 28 जनवरी 2025 को ख़ारिज हो चुकी है।
  • फिर भी सरकार पदों को अनहोल्ड नहीं कर रही है। बल्कि, 4 मई 2022 के एक अन्य अंतरिम आदेश का हवाला दिया जा रहा है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि मध्य प्रदेश के आरक्षण मामले छत्तीसगढ़ से अलग है,फिर भी मध्य प्रदेश शासन सुप्रीम कोर्ट मे मामलों को छत्तीसगढ़ से लिंक करवा रही है।
  • वरुण ठाकुर,विनायक शाह सहित सभी ने सर्व सम्मति से कहा कि जिन भर्तियों मे जिनमे कोई अंतरिम आदेश नहीं है उनको अनहोल्ड किया जाए। इसके बाद अगली रणनीति तय की जाए। तब महाधिवक्ता ने कहा कि आप लोग अपना लिखित अभिमत दें जिस पर बिचार करके अन होल्ड करने के संबंध मे विचार किया जाएगा। ओबीसी अधिवक्ताओ ने कहा की सुप्रीम कोर्ट मे फिल हाल किसी भी अधिवक्ता की जरूरत नहीं है,जब मामले फाइनल सुनवांई पर सूचीबद्ध होंगे तब ओबीसी वर्ग अपने खर्चे पर वक़ील नियुक्त कर लेंगे।



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