मंदिर परिसर में समिति ने एक बोर्ड भी लगाया है, जिसपर साफ-साफ शब्दों मे लिखा है कि इस मंदिर में भक्तों को मर्यादित कपड़े पहनने पर ही प्रवेश दिया जाएगा. छोटे वस्त्र जैसे हाफ पेंट, बरमूड़ा, मिनि स्कर्ट, नाइट सूट और कटी-फटी जींस पहनकर मंदिर में आना वर्जित कर दिया गया है. इसके अलावा पर्स और बेल्ट पहनकर आने पर भी पाबंदी लगाई गई है. नियम का पालन नहीं करने पर दर्शन बाहर से ही करना होगा.
मंदिर समिति अध्यक्ष कैलाश महाजन ने बताया कि मंदिर सैकड़ों लोगों की आस्था और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, इसलिए निर्णय लिया गया है कि मंदिर में दर्शन करना है तो साफ-सुधरे, सांस्कृतिक और पारंपरिक वेशभूषा पहनकर आए. अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने वालों को प्रवेश नहीं मिलेगा. उन्हें बाहर से ही दर्शन करना होंगे. इस नियम का सख्ती से पालन कराया जा रहा है.
महिलाओं को साड़ी या शूट ही पहनना चाहिए
मंदिर समिति के इस नियम पर Local18 की टिम में आम लोगों से भी उनकी राय जानी. बातचीत में सुनील भावसार एवं अखिलेश भावसार ने कहा कि हिन्दू धर्म में मंदिर भगवान का घर है और भगवान घर के दर्शन करने आए तो ऐसे कपड़े पहनकर आए जो मर्यादित हो. दीपा लाड़वे ने कहा कि, पुजारी हो या श्रद्धालु, मंदिर जाएं तो पूरी कपड़े पहनकर ही जाना चाहिए. महिलाओं को भी साड़ी या शूट ही पहनना चाहिए. छोटे कपड़े पहनकर जाना अनुचित है.
पुरुषोत्तम पगारे ने कहा, खासकर महिलाओं एवं युवतियों को मंदिर आते समय साड़ी, सलवार शूट, चुन्नी डालकर आना चाहिए. फटे जिंस, छोटे कपड़े पहनकर आना गलत है. दीपक भट्ट ने कहा, सनातनियों को पारंपरिक कपड़ों को पहनकर ही भगवान के दर्शन लाभ लेना चाहिए. सोनू महाजन ने कहा, जो लोग कहते हैं कपड़े पहनना हमारा व्यक्तिगत विषय है, तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर में मर्यादित पकड़े पहनकर ही आएं.
अमर्यादित वस्त्र पहनना गलत
तृप्ति कुमावत एवं दिव्य कुमावत ने कहा, मंदिर का निर्णय का समर्थन करते हैं. क्योंकि, ये हमारी संस्कृति नहीं है कि मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आएं. व्यवस्थित और मर्यादित कपड़े ही पहनकर आएं. मुन्नी वर्मा ने कहा, मंदिर में बहुत से लोग अमर्यादित कपड़े पहनकर आते हैं, जो गलत है. दिनेश यादव, अंकित यादव ने कहा कि सभी मंदिरों में इस तरह के बोर्ड लगाना चाहिए और उनका सख्ती से पालन होना चाहिए. क्लब, बार में चाहे जैसे कपड़े पहनकर जाएं, लेकिन मंदिरों में व्यवस्थित ढंग से आना चाहिए.