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बघेलखंड के किसानों के लिए मोटे अनाज अब सोने की चिड़िया साबित हो सकते हैं. कोदो-कुटकी और सांवा की भरपूर पैदावार होने के बावजूद ये अनाज सिर्फ कच्चे रूप में ही बेचे जाते हैं. अगर यहां प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग पर जो…और पढ़ें
उद्यानिकी विभाग से वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी सुधा पटेल ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि बघेलखंड में लंबे समय से मोटे अनाज की खेती की जाती रही है, लेकिन उनकी पहचान सिर्फ स्थानीय बाजार तक ही सीमित रह गई. बिना प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग के ये अनाज किसानों को सामान्य दर पर ही बेचने पड़ते हैं. प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से किसानों को पैकिंग और ग्रेडिंग के जरिए तीन से चार गुना अधिक दाम मिलने का अवसर मिलेगा.
विशेषज्ञों के अनुसार एक छोटे स्तर की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में लगभग 8 से 12 लाख रुपये तक की लागत आती है. वहीं मध्यम स्तर की यूनिट के लिए 20 से 25 लाख रुपये तक का निवेश करना पड़ सकता है. इसमें क्लीनिंग, ग्रेडिंग, मिलिंग और पैकिंग जैसी आधुनिक मशीनों की जरूरत होती है. केंद्र सरकार की पीएम एफएमई योजना के तहत किसानों और उद्यमियों को 35% तक की अनुदान और अधिकतम दस लाख तक की राशि मिल सकती है, जिससे शुरुआती निवेश का बोझ काफी कम हो जाता है. उदाहरण के लिए यदि कोई किसान 10 लाख की यूनिट लगाता है तो उसे करीब 3.5 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा.
बाजार में बढ़ेगी मिलेट्स की कीमत
प्रोसेसिंग और आकर्षक पैकिंग के बाद कोदो-कुटकी और सांवा की बाजार कीमत कई गुना बढ़ जाती है. जहां कोदो का साधारण भाव 25-30 रुपये किलो होता है. वहीं प्रोसेसिंग के बाद यह दर 80 से 120 रुपये किलो तक पहुंच जाती है. इससे किसानों को सीधा फायदा होगा और वे घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात बाजार तक भी पहुंच बना पाएंगे.
बनेगा मिलेट हब
आजकल हेल्थ कॉन्शियस लोगों और डाइट इंडस्ट्री में मोटे अनाज की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में बघेलखंड में मिलेट्स प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करना न केवल किसानों की आय बढ़ाने का जरिया बनेगा बल्कि इस क्षेत्र को मिलेट हब के रूप में भी पहचान दिला सकता है. रोजगार, ब्रांडिंग और निर्यात से जुड़कर यह बिज़नेस मॉडल किसानों और उद्यमियों के लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकता है.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across … और पढ़ें